— 100 से अधिक नाटक लिख चुके
सुरेन्द्र लेखक, निर्देशक और अभिनेता के रूप में मुंबई के रंगमंच में एक जाना-माना नाम है। सुरेन्द्र टीवी विज्ञापन बनाने वाली मशहूर कंपनी ग्लास ऑफ व्हिस्की प्रोडक्शन के लिए क्रियेटिव राइटर का काम करते है और अब तक 100 से अधिक नाटक लिखे चुके है। इनके लिखे कई विज्ञापन फि ल्में टीवी और सोशल मीडिया पर पोपुलर है। इनकी लिखी कॉमेडी वेब सीरिज रायता फेल गया को आईएमडीबी ने बहुत अच्छी रैंकिंग दी है। सुरेन्द्र फि ल्मों के लिए लेखन कार्य कर रहे है। इनकी लिखी पंजाबी फि ल्म शहर रिलीज होने वाली है। सुरेन्द्र की लिखी दूसरी फि ल्म तेरियां मेरियां लावा भी बहुत जल्द फ्लोर पर जाने वाली है।
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थियेटर ग्रुप चलाते है
सुरेन्द्र मुंबई में रंगीन सपने थिएटर कम्पनी के नाम से अपना थिएटर ग्रुप चलाते है। रंगमंच को अपना सब कुछ मानने वाले सुरेन्द का कहना है कि रावतसर जैसे छोटे कस्बे से निकलकर मुम्बई तक का सफ र कठिन था और यह संघर्ष अभी तक जारी है। वे इस सफ र तक पहुंचने का श्रेय अपनी बहन सीमा को देते है और बताया कि उनकी प्रेरणा से ही आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं।
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सुरेन्द्र लेखक, निर्देशक और अभिनेता के रूप में मुंबई के रंगमंच में एक जाना-माना नाम है। सुरेन्द्र टीवी विज्ञापन बनाने वाली मशहूर कंपनी ग्लास ऑफ व्हिस्की प्रोडक्शन के लिए क्रियेटिव राइटर का काम करते है और अब तक 100 से अधिक नाटक लिखे चुके है। इनके लिखे कई विज्ञापन फि ल्में टीवी और सोशल मीडिया पर पोपुलर है। इनकी लिखी कॉमेडी वेब सीरिज रायता फेल गया को आईएमडीबी ने बहुत अच्छी रैंकिंग दी है। सुरेन्द्र फि ल्मों के लिए लेखन कार्य कर रहे है। इनकी लिखी पंजाबी फि ल्म शहर रिलीज होने वाली है। सुरेन्द्र की लिखी दूसरी फि ल्म तेरियां मेरियां लावा भी बहुत जल्द फ्लोर पर जाने वाली है।
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थियेटर ग्रुप चलाते है
सुरेन्द्र मुंबई में रंगीन सपने थिएटर कम्पनी के नाम से अपना थिएटर ग्रुप चलाते है। रंगमंच को अपना सब कुछ मानने वाले सुरेन्द का कहना है कि रावतसर जैसे छोटे कस्बे से निकलकर मुम्बई तक का सफ र कठिन था और यह संघर्ष अभी तक जारी है। वे इस सफ र तक पहुंचने का श्रेय अपनी बहन सीमा को देते है और बताया कि उनकी प्रेरणा से ही आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं।
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