पंडाल की व्यवस्था न पुलिस देखती है ना प्रशासन, हादसा हुआ तो जिम्मेदारी आयोजक की! लोहे का पाइप गिरा और आंखों पर छाया अंधेरा65 वर्षीय तुलसीदेवी के परिजन सुरेश ने बताया कि एकदम से आई तेज आंधी-बारिश के कारण पांडाल तुलसीदेवी पर आकर गिर गया। इस कारण उनके दायीं पांव के घुटने के ऊपर हड्डी पूरी तरह टूट गई। इस घटना के दौरान तुलसीदेवी के आंखों के सामने अंधेरा छा गया।
जसोल हादसे के घायलों का हाल जानने जोधपुर पहुंचे सीएम अशोक गहलोत, घटनास्थल का कर चुके हैं दौरा आंधी के साथ जेनरेटर अपनेआप चालू हो गया कथा के दौरान आई आंधी-बरसात के बीच बाहर लगा जेनरेटर अपनेआप चालू हो गया। डोम पूरा नीचे आ गया। इसके बाद पूरा करंट फैल गया। पुत्र ललित ने बताया कि उनके पिता पारसमल के करंट नहीं आया, लेकिन पांडाल का पूरा पाइप इनके पांवों पर आ गया, जिस कारण दोनों पांवों के फ्रेक्चर हो गया। कथा से ठीक आधे घंटे पूर्व पारसमल पहुंचे थे।
घरवालों को कहा, तूफान आ रहा है…फोन रखता हूं…और कुछ सैकेण्ड में आई मौत की खबर पूरा पांडाल का एक ही गेट रखा पूरा पांडाल का एक ही गेट था। एकदम से हवा पांडाल के अंदर घुसी। हवा को बाहर जाने की जगह नहीं मिली तो पूरा पांडाल उड़ गया। अंदर करीब 12 सौ जने थे। मरीज धर्माराम के गले में फ्रेक्चर हुआ। परिजन भैरू ने बताया कि वे घर पर थे, उन्हें जब सूचना मिली तब वे मौके पर गए। धर्माराम को टेंट फाडकऱ बाहर निकाला गया।
( एमडीएम अस्पताल में भर्ती जसोल निवासी घायलों ने जैसा अपने परिजनों को बताया )