सरकार ने अभी तक एमबीएम विवि के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। ऐसे में अभी तक एमबीएम विवि का अस्तित्व ही नहीं है। कर्मचारी नहीं होने से सरकार व अन्य एजेंसियों के साथ पत्राचार को लेकर भी कुलपति अजय शर्मा और रजिस्ट्रार पदमाराम को दिक्कतें आएंगी। वर्तमान में एमबीएम विवि के नाम पीडी खाता भी नहीं है। ऐसे में सरकार कुलपति व रजिस्ट्रार को तनख्वाह भी नहीं दे पाएगी।
राज्यपाल ने 24 सितम्बर को एमबीएम विवि विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए थे लेकिन सरकार के एक महीने बाद भी आदेश जारी नहीं करने से एमबीएम विवि का बोर्ड तक नहीं लगाया जा सकता है।
वर्तमान में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी के तौर पर एआईसीटीई में मान्यता प्राप्त है। विवि के तौर पर एमबीएम को फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना होगा।
प्रो प्रवीण चंद्र त्रिवेदी, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर