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सरकार की अधूरी बजट घोषणा का सिंथेटिक ट्रैक भुगत रहा परिणाम, जोधपुर के खिलाड़ी परेशान

locationजोधपुरPublished: Jan 12, 2018 11:24:47 am

प्रदेश का दूसरा सिंथेटिक ट्रैक बन गया खामियों का टै्रक
 

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जोधपुर . शहर में पांच करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया गया प्रदेश का दूसरा सिंथेटिक ट्रैक अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहा है। शिक्षा विभाग व सिंथेटिक ट्रैक की निर्माण एजेंसी जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की अदूरदर्शिता व उदासीनता की वजह से सिंथेटिक टै्रक अब भी अधूरा पड़ा है। करोड़ों रुपए की लागत के बावजूद कुछ खामियों की वजह से इस ट्रैक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्रहण लगाने का काम कर रही है। राज्य सरकार की २०१२-१३ की बजट घोषणा अधूरी है। उस पर भी शिक्षा विभाग आधे-अधूरे सिंथेटिक ट्रेक के रोजाना किराए पर देने के पांच हजार रुपए वसूल कर रहा है।
अधूरे काम, फिर भी सीएम से उद्घाटन कराया


करीब ३-४ साल निर्माण कार्य चलने के बाद सिंथेटिक ट्रैक में कई तकनीकी खामियां हैं। कई काम अधूरे हैं। इसके बावजूद आनन-फानन में इसका उद्घाटन करा दिया गया।
वॉकिंग पथ अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना

अंतरराष्ट्रीय मानकों को ताक पर रखकर टै्रक के साथ ही वॉकिंग पथ बनाया गया था। ध्यान रहे कि ट्रैक के साथ वॉकिंग पथ नहीं होता है। इस ट्रैक के साथ वॉकिंग पथ अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना है। वर्तमान में ट्रैक पर धावक कम दौड़ रहे हैं और वॉकिंग वाले अधिक टहल रहे हैं।
यह हो सकता है अब


वॉकिंग पथ व ट्रैक के बीच पोर्टेबल पोल व प्लास्टिक की जाली लगवाकर ट्रैक कवर किया जा सकता है, ताकि एथलीट निर्बाध रूप से अभ्यास कर सकें। इस समस्या को लेकर शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष हापूराम चौधरी की अगुवाई में शारीरिक शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रथम, जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर वॉकिंग पथ व ट्रैक के बीच पोर्टेबल पोल या प्लास्टिक की जाली लगाने की मांग कर चुके हैं।
उखड़ रहा डी कर्व

डी कर्व व फुटबॉल मैदान के एण्डलाइन/ गोललाइन के बीच डे्रनेज सिस्टम नहीं है। इसके चलते फुटबॉल मैदान की पानी की सीलन डी कर्व के इनर बॉर्डर के नीचे पहुंच रही है। इससे कर्व उखड़ रहा है और ट्रैक कई जगह से उखड़ चुका है। इसके लिए गोल लाइन के पास पानी की नाली होनी चाहिए। इसके अलावा, घटिया निर्माण सामग्री काम में लेने के कारण ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है।
लॉन्ग जम्प


आनन-फानन में लॉन्ग जम्प का रन वे सीमेंट का बना दिया गया, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के विरुद्ध है। इस रन वे पर स्पाइक पहन कर जम्पर रन नहीं कर सकता और जम्पर चोटिल हो जाता है। लॉन्ग जंप का रन वे तुड़वाकर सिंथेटिक पट्टी लगवानी चाहिए।
ट्रिपल जम्प

ट्रिपल जम्प के लिए रनवे और पिट का गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। यह आज तक तैयार नहीं किया गया है। ट्रिपल जम्प का रन वे सिंथेटिक होना चाहिए।

यह भी हो सकता है

जहां लॉन्ग जम्प का रनवे बनेगा, उस जगह पर बीचोंबीच पिट बन सकता है। एक तरफ लॉन्ग जम्प का रनवे और दूसरी तरफ ट्रिपल जम्प का रनवे बन सकता है।

भालाफेंक

भालाफेंक के लिए मार्किंग कर दी गई है, लेकिन फुटबॉल पोल बाधा बने हुए हैं। भाला फेंकते ही सामने फ ुटबॉल पोल बाधा उत्पन्न करता है। लोहे का फ ुटबॉल पोल स्थाई है जो थ्रोअर के लिए बाधा उत्पन्न करता है। फु टबॉल के पोल पोर्टेबल लगा दिया जाएं तो जैवलिन की प्रेक्टिस व प्रतियोगिता के समय फु टबॉल पोल हटा कर भालाफेंक प्रतियोगिता करवाई जा सकती है।
पोलवॉल्ट


पोलवॉल्ट के गड्ढे, बार स्टैण्ड और बॉक्स सहित अन्य खेल उपकरणों की कमी है। समय पर उपकरणों की व्यवस्था करवाई जाए तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।
बाधा दौड़

बाधा दौड़ के लिए हर्डल्स नहीं है। टै्रक की लाइन के हिसाब से हर्डल्स भी पूरे होने चाहिए, ताकि एथलीट लगातार अभ्यास भी कर सके और प्रतियोगिता भी आसानी से सम्पन्न करवाई जा सके।

वॉर्मअप जोन तक नहीं

टै्रक अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, लेकिन वॉर्मअप जोन नहीं है। ट्रैक के साथ वॉर्म अपजोन होता है, जिससे धावक प्रतियोगिता से पहले वार्मअप होता है। वहां उसकी उपस्थिति होती है। टंकी के पास वाले ग्राउंड में वॉर्मअप जोन बनाया जा सकता है।

इनका कहना है


जेडीए की ओर से सिंथेटिक ट्रैक पूरी तरह से हैण्डओवर नहीं किया गया है। इसमें कई खामियां हैं। विभाग की ओर से जेडीए को कई बार अवगत कराया गया है। हम लगातार संपर्क कर खामियां दूर करवाने और पूर्ण सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं।
भैरो सिंह, सुपरवाइजर, गोशाला मैदान

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