मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में धनुर्धारी अर्जुन को गीता का उपदेश सुनाया था। इस माह में गीता का दान भी शुभ माना जाता है। हिन्दू पंचांग के इस पवित्र मास में गंगा, युमना जैसी पवित्र नदियों में स्नान शुभ माना गया है। पंडित नीलेश शास्त्री के अनुसार यह मास शरद ऋ तु का दूसरा मास माना जाता है इस महीने में कार्तिक मास से भी अधिक ठंड रहती है । ठाकुरजी को सर्दी से बचाव के लिए मंदिरों में पुजारी सिगरी चेतन करते है। इस मास में भगवान विष्णु के स्वरूप कृष्ण के विशेष पूजन की परंपरा तथा पौष महीने में ठाकुरजी के भोग में भी बदलाव किया जाता है।
23 नवंबर – गणाधिप संकष्टी गणेश चतुर्थी 27 नवंबर -कालभैरव जयंती
30 नवंबर – उत्पन्ना एकादशी, 02 दिसंबर – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
04 दिसंबर – अमावस्या तिथि, सूर्य ग्रहण
07 दिसंबर – मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी, विनायक चतुर्थी 08 दिसंबर – विवाह पंचमी
09 दिसंबर – स्कंद षष्टी 11 दिसंबर – मासिक दुर्गाष्टमी व्रत
14 दिसंबर – मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
16 दिसंबर – अनंग त्रयोदशी व्रत, प्रदोष व्रत , धनु संक्रांति 18 दिसंबर-रोहिणी व्रत, पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती
19 दिसंबर – अन्नपूर्णा जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, त्रिपुर भैरवी जयंती