जोधपुर में मानसून ने 4 जुलाई को दस्तक दी थी लेकिन अब तक पहली बरसात का इंतजार है। मानसून के पश्चिमी राजस्थान तक पहुंचने के साथ ही वहां सिस्टम खत्म हो गया जिससे अब तक बरसात नहीं हो पाई है। सोमवार को भी धूल भरी हवा चलती रही। न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुबह से ही 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी जो दोपहर में कभी कभी 30 किलोमीटर तक पहुंच गई। हवा के साथ उड़ रही धूल ने शहरवासियों को परेशान कर दिया। ऐसा लग रहा था मानो अप्रैल-मई का मौसम है। दिनभर उमस भरी तपिश ने लोगों को हलकान किए रखा। उमस के कारण शरीर में चिपचिपापन पैदा होने के साथ उड़ रही धूल ने हालत और खस्ता कर दी। दोपहर में तापमान 36.7 डिग्री रहा। जिले के ग्रामीण हिस्सों में भी धूल भरी हवा चलती रही।
खेतों में जमी धूल की परत
किसानों ने मूंग, मोठ और बाजरा बोया है। पिछले 3 दिनों से चल रही धूल भरी हवा से किसान परेशान हो गए हैं। बोई गई फसल के ऊपर धूल की परत जम गई है जिसके कारण फसल के खराबे का अनुमान है। बरसात की जगह धूल भरी हवा से खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
आगे बढ़ रही है टिड्डी
धूल भरी हवा के कारण दूसरा प्रतिकूल असर टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम में आ रहा है। लगातार दक्षिणी पश्चिमी हवा चलने से टिड्डियां पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में पहुंच रही है। पाकिस्तान से लगातार टिड्डी का राजस्थान के भीतरी भाग तक पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है। अगर हवा का पैटर्न यही रहता है तो टिड्डी कुछ ही समय में अधिकांश जिलों तक पहुंच जाएगी।
धूल भरी हवा के कारण दूसरा प्रतिकूल असर टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम में आ रहा है। लगातार दक्षिणी पश्चिमी हवा चलने से टिड्डियां पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में पहुंच रही है। पाकिस्तान से लगातार टिड्डी का राजस्थान के भीतरी भाग तक पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है। अगर हवा का पैटर्न यही रहता है तो टिड्डी कुछ ही समय में अधिकांश जिलों तक पहुंच जाएगी।