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जोधपुर

बार कौंंसिल पदाधिकारियों के चुनाव पर रोक का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

-अवकाश के दिन हुई सुनवाई, बीसीआइ चेयरमैन सहित तीन को जवाब तलब किया
 

जोधपुरMar 01, 2021 / 07:57 pm

जय कुमार भाटी

बार कौंंसिल पदाधिकारियों के चुनाव पर रोक का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

बार कौंंसिल पदाधिकारियों के चुनाव पर रोक का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

जोधपुर। बार कौंसिल ऑफ राजस्थान (बीसीआर) में चेयरमैन सहित अन्य पदाधिकारियों के चुनावों पर बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) की रोक का मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गया है। चुनावों और अन्य एजेंडे पर विचार-विमर्श के लिए बीसीआर की बैठक रविवार को प्रस्तावित थी, लेकिन ऐनवक्त पर बीसीआइ चेयरमैन ने एक सदस्य के निधन से रिक्त पद पर सहवरण (को-ऑप्शन) नहीं करने का हवाला देकर चुनाव स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए। इसके खिलाफ बीसीआर के सदस्यों की याचिका पर रविवार को ही सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। अब इस मामले में 2 मार्च को दोपहर दो बजे सुनवाई होगी।
बीसीआर के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का कार्यकाल 15 फरवरी को ही समाप्त हो गया था। इसे देखते हुए रविवार को कौंसिल की बैठक बुलाई गई थी, ताकि अन्य एजेंडे पर विचार-विमर्श सहित चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा चार को-चेयरमैन का चुनाव करवाया जा सके। इससे पहले ही बीसीआइ चेयरमैन ने चुनाव प्रक्रिया में दखल दे दिया। दरअसल, बीसीआर के सदस्य सज्जनराज सुराणा का पिछले वर्ष निधन होने से एक सदस्य का पद खाली हो गया था। नियमानुसार सदस्य का पद खाली होने पर किसी अधिवक्ता को सहवृत सदस्य बनाने का प्रावधान है, लेकिन सहवरण को लेकर मतभेद के चलते कोई निर्णय नहीं हो पाया। बीसीआइ के चेयरमैन ने यह कहते हुए चुनावों पर रोक लगा दी कि चुनावों से पहले रिक्त सीट पर सदस्य का सहवरण होना चाहिए। यदि चुनाव पहले हो गए तो सहवरण निरर्थक होगा। इस आदेश को कुछ सदस्यों ने हाथों-हाथ हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके लिए रविवार को न्यायाधीश डा.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की पीठ का गठन किया गया। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विकास बालिया ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 13 में प्रावधान है कि बार कौंसिल या समितियों की किसी भी कार्यवाही को किसी भी रिक्ति के अस्तित्व के कारण अमान्य नहीं किया जा सकता। एकलपीठ ने बीसीआइ चेयरमैन सहित तीन पक्षकारों को ईमेल से नोटिस तामील करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नोटिस की एक प्रति बीसीआर के सचिव के माध्यम से संप्रेषित करने को कहा गया है।
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