नोडल अधिकारी नियुक्त ध्यान रहे कि सीबीआइ ने पिछली पेशी के दौरान अपने आईओ को ही एफबीआइ की फॉरेंसिक एक्सपर्ट अंबर बी कार से सम्मन तामील कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया था । इंस्पेक्टर लेवल के नोडल अधिकारी ने न्यायालय को बताया कि सम्मन तामील करने का प्रयास किया जा रहा है और गवाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही देने के लिए तैयार हैं। न्यायालय के इस बात से संतुष्ट नहीं होने पर सीबीआइ को आईपीएस अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने का आदेश दिया।
भारत लाकर गवाही नहीं करवाई जा सकती बचाव पक्ष की ओर से विरोध किया गया कि सीबीआइ कई बार कह चुकी है कि अमरीकी गवाह को भारत लाकर गवाही नहीं करवाई जा सकती फि र बार-बार सीबीआइ को मौका देना न्याय हित में नहीं है। बचाव पक्ष ने कहा कि गवाह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा है तो न्यायिक प्रक्रिया के तहत गवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय विश्नोई ने इस बात पर भी ऐतराज जताया कि आठ साल पुराने इस मामले में सीबीआइ को सम्मन भेजने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जा रहा है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी भी गवाह को 24 घंटे के अंदर समन भिजवा कर तामील करवाया जा सकता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।