— तिब्बती नहीं आए, लोकल ने जमाया डेरा करीब 40 सालों से 75-80 परिवार जोधपुर आकर ऊनी वस्त्रों का कारोबार करते है। चार माह के कारोबार से इनके वर्ष भर का गुजारा चलता है। नगर निगम 82 दुकानों के संचालन के लिए फु टपाथ मुहैया कराता है। जिसका प्रति दुकान 3500 रुपए किराया वसूलता है। वहीं इस बार तिब्बती बाजार नहीं लगने से लोकल व्यापारियों ने रेलवे स्टेशन से ओलंपिक रोड तक अपना डेरा जमाया है। लोकल व्यापारी अपने ठेलों पर ऊनी वस्त्र बेच रहे है।
== पिछले कई वर्षो से जोधपुर में ऊनी वस्त्रों का बाजार लगा रहे है। इस बार कोरोना की वजह से करीब 80 परिवार जॉबलेस हो गए है। कोरोना की वजह से हमें जोधपुर में बाजार नहीं लगाने का नगर निगम का मैसेज मिला है।
सीरिंग फूंकशुक, उपाध्यक्ष तिब्बतान रिफ्यूजी स्वेटर सेलर्स वेलफेयर सोसायटी देहरादून — कोरोना के चलते तिब्बती बाजार लगाने की अनुमति नहीं मिली है। इसके चलते व्यापारियों को आर्थिक संकट के साथ मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रेशमबाला, अध्यक्ष भारत तिब्बत मैत्री संघ महिला विंग राजस्थान —-