जोधपुर

Rajasthan: सरकार ने 7 महीने में ही बेटे का कद बाप से ऊँचा किया, 60 साल पुराने विवि की कमर तोड़ी

– बाड़मेर-जालोर के 171 कॉलेज एमबीएम विवि को हस्तांतरण की अधिसूचना जारी, जेएनवीयू के 60 प्रतिशत विद्यार्थी और 50 प्रतिशत राजस्व हाथ से फिसला
– संभाग के पांच जिलों के करीब 350 कॉलेज है जेएनवीयू से मान्यता प्राप्त

जोधपुरMay 27, 2022 / 09:46 pm

Gajendrasingh Dahiya

Rajasthan: सरकार ने 7 महीने में ही बेटे का कद बाप से ऊँचा किया, 60 साल पुराने विवि की कमर तोड़ी

जोधपुर. राज्य सरकार ने सितम्बर 2021 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से अलग होकर बने एमबीएम विश्वविद्यालय को बाड़मेर और जालोर के समस्त कॉलेज हस्तांतरण की अधिसूचना जारी कर दी। जेएनवीयू के पास जालोर, बाड़मेर, पाली, जैसलमेर व जोधपुर जिले के करीब 350 कॉलेज है। जालोर-बाड़मेर में करीब 171 कॉलेज है लेकिन 60 फीसदी विद्यार्थी और 50 फीसदी राजस्व बाड़मेर-जालोर के कॉलेजों से ही आता है। सरकार के इस निर्णय से जेएनवीयू को सालाना 2.50 से 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। विद्यार्थियों के लिहाज से एमबीएम संभाग का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बनया है। एक जुलाई से बाड़मेर-जालोर के समस्त कॉलेज एमबीएम विश्वविद्यालय के अधीन काम करेंगे।
जेएनवीयू को वर्ष 2011-12 में संभागीय विवि का दर्जा मिला था। जिसके बाद सिरोही को छोडक़र संभाग के समस्त जिलों की कॉलेजों का अधिकार क्षेत्र जेएनवीयू के पास आ गया। संभाग में पांच जिलों से करीब 1.25 लाख छात्र छात्राएं है। जेएनवीयू कॉलेजों से सालाना न्यूनतम एक लाख रुपए मान्यता शुल्क लेता है। इसके अलावा छात्रों की संख्या, सेक्शन, संचालित पाठ्यक्रम के अनुसार अलग शुल्क है। बाड़मेर-जालोर के कॉलेजों से 65 से 70 विद्यार्थी पढ़ते हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद जेएनवीयू के पास जोधपुर, पाली और जैसलमेर के कॉलेज ही बचेंगे।
कर्मचारियों में उलझे, अब नई मशक्कत

व्यास विवि और एमबीएम विवि अब तक कर्मचारियों के हस्तान्तरण को लेकर ही उलझे हुए हैं। वहीं अब 1 जुलाई से 171 कॉलेजों का जिम्मा मिलने से दोनों विवि के लिए नई मशक्कत शुरू हो जाएगी। कॉलेजों के दस्तावेजों के साथ बकाया आदि को लेकर भी दिक्कतें पेश आएगी।
एमबीएम केवल इंजीनियरिंग विवि नहीं, बीए-बीएससी भी चलेंगे

सरकार ने एमबीएम विवि को मल्टी फैकल्टी विवि बनाया है। इसमें केवल इंजीनियरिंग संकाय या कॉलेज ही नहीं जुड़ेंगे, कला, वाणिज्य, विज्ञान व विधि संकाय भी खोला जाएगा। अब सामान्य व बीएड कॉर्सेज भी विवि के अधीन कॉलेजों से आ जाएंगे। मगर एमबीएम में कर्मचारी नाममात्र के ही हैं, जिसके कारण से चुनौती का सामना करना पडेगा।
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– सरकार ने बाडमेर-जालोर के कॉलेजों का जिम्मा दिया है। कॉलेजों के संबंध में पूरी जानकारी, निरीक्षण वगैरह किए जाएंगे।

– प्रो.अजय शर्मा, कुलपति, एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर
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