छिन गई हाथ आई मोबाइल मेडिकल यूनिट
चिकित्सा विभाग के स्थानीय
अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 3 साल पहले जोधपुर को मिली राजीव गांधी मोबाइल
मेडिकल यूनिट (एमएमयू) छीनकर अजमेर
जोधपुर। चिकित्सा विभाग के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 3 साल पहले जोधपुर को मिली राजीव गांधी मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) छीनकर अजमेर को देने की तैयारी हो गई है। झालामण्ड स्थित स्वास्थ्य भवन में यह एमएमयू बगैर इस्तेमाल के तीन साल से खड़ी रही। चिंता की बात यह भी है कि जोधपुर के बावड़ी ब्लॉक में एमएमयू नहीं है और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल मित्तल की ओर से स्वास्थ्य निदेशालय को इसकी डिमाण्ड भी भेजी गई है, जबकि घर में खड़ी गाड़ी उपयोग में नहीं आने पर अजमेर जा रही है।
एनजीओ को देनी थी
चिकित्सकीय उपकरण युक्त एमएमयू तीन साल पहले जयपुर से जोधपुर भेजी गई थी। तब से अब तक यह बगैर इस्तेमाल के यहां खड़ी है। एमएमयू के टैण्डर होते है और एनजीओ की सहायता से गांवों में महीने में बीस दिन शिविर लगाए जाते हैं। शिविरों में गर्भवती महिलाओं की जांच, बीपी, ईसीजी, ब्लड शुगर सहित अन्य जांचें चिकित्सकीय टीम की देखरेख में मौके पर ही होती है। इस गाड़ी के लिए एक बार टैण्डर हुआ था, लेकिन एनजीओ ने इसे ऑपरेट नहीं किया। दुबारा टैण्डर भी नहीं किए गए। ऎसे में जयपुर स्थित स्वास्थ्य निदेशालय ने गाड़ी को अजमेर भेजने के निर्देश जारी करने पड़े।
बावड़ी में गाड़ी नहीं
जोधपुर में दस चिकित्सा ब्लॉक है, जिसमें ओसियां, भोपालगढ़, बाप, शेरगढ़, फलोदी, मण्डोर, लूणी, बिलाड़ा, बालेसर व बावड़ी शामिल है। बावड़ी ब्लॉक को छोड़कर सभी ब्लॉक में एमएमयू है। प्रत्येक एमएमयू संबंधित ब्लॉक के गांवों में मोबाइल स्वास्थ्य शिविर लगाती है।
अजमेर सीएमएचओ को भेजनी है एमएमयू
स्वास्थ्य भवन में खड़ी राजीव गांधी एमएमयू को अजमेर सीएमएचओ को भेजने के निर्देश आए हैं। वैसे हमारे बावड़ी ब्लॉक में भी एमएमयू नहीं है, जिसकी डिमाण्ड जयपुर को भेजी हुई है। -राकेश शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, एनआरएचएम
गजेन्द्र सिंह दहिया