जोधपुर

बॉर्डर के असली हीरो भैरोंसिंह राठौड़ को अब मिलेगा सेना मैडल का भत्ता

1971 के भारत-पाक युद्ध में असाधारण शौर्य व पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले शूरवीरों की धरा शेरगढ़ के सपूत सेना मैडल भैरोंसिंह राठौड़ को अब उनका पूरा हक मिल सकेगा।

जोधपुरJan 07, 2021 / 11:43 am

pawan pareek

बेलवा (जोधपुर) . 1971 के भारत-पाक युद्ध में असाधारण शौर्य व पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले शूरवीरों की धरा शेरगढ़ के सपूत सेना मैडल भैरोंसिंह राठौड़ को अब उनका पूरा हक मिल सकेगा।
सन् 1963 को सीमा सुरक्षा बल में भर्ती होकर भैरोंसिंह राठौड़ सोलंकियातला ने 1971 के युद्ध में एमएफजी से पाकिस्तानी दुश्मनों को मार गिराया था। युद्ध में राठौड़ को शौर्यवीरता के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान ने सेना मैडल से नवाजा था। 31 दिसम्बर 1987 को बीएसएफ से रिटायर्ड हुए थे। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भैरोंसिंह राठौड़ गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे।
राजस्थान पत्रिका ने 22 अगस्त 2019 को सबसे पहले शौर्यवीर सेना मैडल भैरोंसिंह राठौड़ की गुमनामी को लेकर समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें उनकी पेंशन संबधी विसंगतियों, सेना मैडल भत्ता व अन्य समस्याओं को प्रकाशित किया। जिसके बाद सिलसिलेवार समाचारों के प्रकाशन के बाद सीमा सुरक्षा बल ने उनके मैडल अलाउंस को लेकर हितलाभ देने के लिए कागजी कार्यवाही पूर्ण की।
हाल ही बीएसएफ ने एक पत्र गौरव सेनानी राठौड़ को भेजा है, जिसमें सेना मैडल के हितलाभ की राशि व अन्य लाभ जल्द मिलने की बात कही है। 1997 में रिलीज हुई बॉर्डर फि़ल्म में भैरोसिंह राठौड़ का किरदार सुनील शेट्टी ने किया था। वहीं बीएसएफ द्वारा सेना मैडल के हितलाभ को लेकर भेजे गए पत्र पढ़ते हुए भैरोंसिंह ने राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र का आभार जताया है।
उन्होंने कहा एक गुमनाम फौजी की दास्तां को सुनकर उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया जो कि उत्कृष्ट पत्रकारिता का उदाहरण है। पत्रिका समूह द्वारा सामाजिक सरोकार के माध्यम से भी समय समय पर सराहनीय प्रयास किये जाते है।

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