जोधपुर

समर्थन मूल्य पर खरीद की उम्मीदों को झटका

 
– उत्पादन का महज 8 प्रतिशत खरीद के लिए ही पंजीयन
– किसानों को बाजार मूल्य से 200 करोड़ से अधिक का उठाना पड़ेगा नुकसान

जोधपुरMar 26, 2019 / 07:20 pm

Amit Dave

समर्थन मूल्य पर खरीद की उम्मीदों को झटका

 
जोधपुर

जिले में रबी सीजन का मौसम अच्छा रहने व फ रवरी में मावठ से सरसों व चने का उत्पादन अच्छा हुआ लेकिन बाजार भाव कम होने किसानों को नुकसान की आशंका होने लगी है। ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर फ सल खरीद की घोषणा से किसानों को उम्मीदें बंदी थी लेकिन सरकार के उदासीन रवैये से खरीद के लिए जटिल नियम लागू कर देने व उत्पादन के अनुपात में बहुत कम पंजीयन लक्ष्य तय करने से किसानों की उम्मीदों को झटका लगा है।जिले में इस बार 25 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में चने व एक लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बुवाई हुई। चने का उत्पादन 45 हजार व सरसों का दो लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है। सरकार द्वारा इन फसलों का समर्थन मूल्य 4620 व 4200 रुपए प्रति क्ंिंवटल के हिसाब से तय किया हुआ है जबकि बाजार में इन फ सलों का भाव समर्थन मूल्य से करीब 800 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल नीचे है। सरकार ने चने की फ सल के लिए जिले में केवल 1926 व सरसों के लिए 21611 किसानों के पंजीयन का ही लक्ष्य रखा है। इसके लिए भी एक किसान से केवल 25 क्विंटल तक ही चना व सरसों की फ सल खरीदने का राइडर (शर्त) लगा दिया। ऐसे में प्रति किसान खरीद औसत 20 क्ंिवटल के आसपास ही रह सकता है। जिससे जिले में 3856 मीट्रिक टन ही खरीद की संभावना है, जो जिले के कुल उत्पादन के केवल 8 प्रतिशत के बराबर है। इससे किसानों को फसल कम दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। सरकार के इस रवैये के चलते जिले के किसानों को 200 करोड़ से अधिक का नुकसान होने की आशंका है।

नियमों से परेशान किसान

राजफेड द्वारा पंजीयन शुरू होने के आए दिन निकल रहे नए नियमों से किसान दुविधा में है। बटाईदार के रूप में पंजीयन करवाने वाले किसानों को राजफेड द्वारा 19 मार्च को जारी आदेशानुसार अब जनवरी से नवम्बर 2018 के बीच स्टाम्प होना अनिवार्य किया गया। ऐसे में जिले के हजारों किसान पंजीयन नहीं करवा पाएंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में ईजायरा लेते समय केवल मौखिक या सादे कागज पर ही लिखापढी की जाती है। इस कारण उस समय कोई भी किसान स्टाम्प नहीं खरीदता है। वहीं, राजस्व विभाग की ओर से भी मेपिंग नहीं करने के कारण किसान खरीद केन्द्र का चयन नहीं कर पा रहे है।
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अपर्याप्त पंजीयन क्षमतासमर्थन मूल्य पर खरीद के लिए अपर्याप्त पंजीयन क्षमता से हजारों किसान पंजीयन से वंचित है। पंजीयन के लिए बायोमेट्रिक, भौगोलिक रूप से असुविधाजनक केन्द्र पर पंजीयन किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है । संगठन द्वारा जिला मुख्याल्य पर विरोध प्रदर्शन का निर्णय किया गया है।
तुलछाराम सिंवर, आंदोलन व प्रचार प्रमुख

भारतीय किसान संघ, जोधपुर

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भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक जिले में फसल की कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत ही समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन का लक्ष्य रखा गया है।
बीएस शेखावत, क्षेत्रीय अधिकारी

राजफेड, जोधपुर।

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