हथियार बेचने के लिए ऐसे ललचा रहे हैं युवाओं को
- 'देसी कट्टा, रिवॉल्वर या पिस्तौल चाहिए तो व्हाट्सऐप करें'
- सोशल मीडिया की आड़ में हथियारों की बिक्री - फेसबुक पर हथियारों व कारतूस की फोटो से ललचा रहे युवाओं को
जोधपुर
Published: March 05, 2022 04:29:57 pm
जोधपुर
'देसी कट्टा, रिवॉल्वर या पिस्तौल चाहिए तो व्हाट्सऐप करें।' पढ़ने भले ही अटपटा लगे, लेकिन फल-सब्जी व खाद्य सामग्री के ऑनलाइन ऑर्डर की तरह अब सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे मैसेज ही नहीं बल्कि हथियारों के फोटो भी अपलोड किए जाने लगे हैं। जिन्हें देख कर अपराधी तो आकर्षित होंगे ही बल्कि युवा भी ललचा रहे हैं।
दरअसल, जोधपुर की एक संस्था के नाम का फेसबुक पर पेज बना हुआ है। जिस पर हजारों व्यक्ति जुड़े हुए हैं। इस पेज पर कई दिनों से हथियार व कारतूसों की फोटो अपलोड की जा रही हैं। साथ ही देसी कट्टे, रिवॉल्वर या पिस्तौल खरीदने के लिए मोबाइल या व्हॉट्सऐप नम्बर लिखे जा रहे हैं। हथियार खरीदने के इच्छुक लोगों को व्हॉट्सऐप करने के लिए आकर्षित किया जा रहा है।
हालांकि फिलहाल ऐसे फोटो व संदेश पर किसी ने कोई कमेंट करके रूचि नहीं दिखाई है, लेकिन यह भी अंदेशा है कि मोबाइल या व्हॉट्सऐप नम्बर पर सम्पर्क किया गया होगा।
हथियार खरीद-फरोख्त के लिए सोशल मीडिया की मदद
गत 15 फरवरी को पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी ने रातानाडा थानान्तर्गत डिफेंस लैब के पास से सुनील बिश्नोई और एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खड़े भरत कड़ेला को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से छह पिस्तौल, पांच मैग्जीन व दस जिंदा कारतूस जब्त किए गए थे। दोनों आरोपी मध्यप्रदेश में धार जिले के मनावर से 12-12 हजार रुपए में यह हथियार खरीदकर लाए थे। आरोपी सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो भेजकर खरीदने के लिए ललचा रहे थे।
व्हॉट्सऐप के मार्फत बेचे थे हथियार
पुलिस ने गत वर्ष अवैध हथियार तस्करों के खिलाफ सतत कार्रवाई कर बड़ी तादाद में अवैध हथियार व कारतूस जब्त किए थे। गिरफ्त में आए आरोपियों से जांच में सामने आया था कि फेसबुक पर मित्रता के बाद वे व्हॉट्सऐप के मार्फत हथियारों की फोटो का आदान-प्रदान कर खरीद-फरोख्त कर रहे थे।
रुपए ऐंठने का तरीका भी होने का अंदेशा
पुलिस को अंदेशा है कि सोशल मीडिया के मार्फत हथियारों की खरीद-फरोख्त के लिए व्हॉट्सऐप नम्बर दिए गए हैं। इसकी आड़ में गिरोह रुपए ऐंठने का प्रयास भी कर सकते हैं। हथियार बेचने के नाम पर खाते में रुपए जमा करवाकर ठगी करने वाला गिरोह भी हो सकता है।
मोबाइल लोकेशन अन्य जिले में आई
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) भुवन भूषण यादव का कहना है कि हथियारों के सौदागरों के जो मोबाइल नम्बर मिले हैं। उनकी लोकेशन दूसरे जिलों में पाई गई। इन्हें पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। संबंधित जिले की पुलिस को भी सूचित किया जा रहा है।

हथियार बेचने के लिए ऐसे ललचा रहे हैं युवाओं को
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