थानाधिकारी सीताराम खोजा ने बताया कि राज्य सरकार की कलेवा योजना के तहत फर्जी आदेश बनाड़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्ष 2015 से 2019 के बीच छह लाख रुपए गबन किया गया था। इस स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसूताओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए भोमियाजी स्वयं सहायता समूह अधिकृत थी। इनकी संचालिका पुष्पा व भाग्यश्री हैं। इनके बैंक खाते में गबन की राशि जमा हुई थी। फिर इन खातों से कुछ राशि तत्कालीन संविदाकर्मी गजेन्द्रसिंह के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। ऐसे में गबन राशि में लाभार्थी होने से वह भी आरोपी है। पुलिस ने उसकी तलाश में दबिश दी, लेकिन वो पकड़ में नहीं आ सका।
इस मामले में स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़े कुछ और चिकित्साकर्मी भी संदेह के दायरे में है। जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
इस मामले में स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़े कुछ और चिकित्साकर्मी भी संदेह के दायरे में है। जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।