जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत (Union Water Power Minister Gajendrasing Shekhawat ) के खिलाफ 15 वर्ष पूर्व स्टूडेंट लाइफ के दौरान पुलिस की ओर से पेश एक परिवाद में सोमवार को जोधपुर की निचली अदालत में सुनवाई हुई।
अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या आठ (Additional Judicial Magistrate Number Eight) के पीठासीन अधिकारी सुनील जांगिड़ की अदालत में मंत्री के अधिवक्ता की ओर से हाजिरी माफी पेश की गई। इसे स्वीकार करते हुए मजिस्ट्रेट ने मामले को आगामी 21 सितंबर को सुनवाई के लिए रखा है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत को इस मामले में पिछले वर्ष 30 अप्रैल को जमानत मिल गई थी उसके बाद से लगातार मंत्री की ओर से हाजिरी माफी पेश की जा रही है ।
यह है मामला
वर्ष 2004 में शेखावत ने शास्त्रीनगर पुलिस थाने (shastrinagar police station jodhpur) में समर्थ तिवारी नाम के व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने घटनास्थल, गवाह तथा सबूत के आधार पर मामले को संदिग्ध माना तथा न्यायालय में एफआर प्रस्तुत कर दी। इसके बाद पुलिस ने झूठी एफआइआर लिखवाने पर शेखावत के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश कर दिया। इसमें शेखावत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इस धारा के तहत अपराध साबित होने पर आरोपी को 6 माह का साधारण कारावास तथा एक हजार रुपये जुर्माना की सजा हो सकती है।