कोरोना महामारी में क्षेत्र की लाखों जनता को मिल सकती है बड़ी राहत अस्पताल में निश्चेतना विशेषज्ञ , रेडियोलॉजिस्ट , चर्म व रति रोग विशेषज्ञ , अस्थि रोग विशेषज्ञ , नाक , कान , गला विशेषज्ञ . फिजिशियन , न्यूरो फिजिशियन सहित लगभग 25 चिकित्सा अधिकारी की जरूरत है। इसके अलावा पांच प्रथम श्रेणी नर्स , 30 द्वितीय श्रेणी नर्स , वार्ड बॉय, स्वीपर स्टाफ के अलावा सोनोग्राफी मशीन , 20 ऑक्सीजन सैलेण्डर, व्हील चेयर, स्टेचर सहित कई प्रकार की सुविधाओं का अभाव है। अस्पताल भवन परिसर में मरीजों व उनके परिजनों के लिए बारिश एवं धूप से बचाव के लिए छाया के इंतजाम तक नहीं है। यदि अस्पताल में चिकित्सक स्टाफ व जरूरी उपकरण की व्यवस्था हो तो कोरोना महामारी में क्षेत्र की लाखों जनता को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके अलावा शहर के बड़े अस्पताल के बढ़ते दबाव को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकते है। क्षेत्रवासी व जनप्रतिनिधि भी अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे अर्से से कर रहे है।
इनका कहना है चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सेटेलाइट अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा देकर चिकित्सा सुविधाएं विकसित की जाए तो कोविडकाल में क्षेत्र से जुड़े करीब 40 वार्डों के लाखों लोग लाभान्वित हो सकते है।
विक्रमसिंह पंवार, क्षेत्रीय पार्षद
……………….. अस्पताल में उपकरण के लिए विधायक कोष से 56 लाख स्वीकृत : जीजी राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में डॉक्टरों व चिकित्सक स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए मैंने मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री तथा संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा व जल्द इस बाबत उनसे बात की जाएगी। मेरे स्थानीय क्षेत्र विकास कोष से वार्ड एवं लेबोरेट्री का निर्माण कार्य एवं कार्यकारी संस्था पीडब्ल्यूडी के मार्फत विकास कार्य के लिए 30 लाख स्वीकृत किए हैं। चिकित्सालय के लिए सोनोग्राफी मशीन के लिए 15 लाख, सीबीसी सैल काउन्टर के लिए 5 लाख, ऑटो एनेलाइजर के लिए 4 लाख तथा 20 ऑक्सीजन सिलेण्डर डी टाईप के लिए 2 लाख इस तरह कुल 26 लाख स्वीकृत किए। करीब 56 लाख विधायक कोष से स्वीकृत किए है।
सूर्यकांता व्यास ‘जीजी विधायक सूरसागर विधान सभा क्षेत्र