मारने के लिए सुपारी ली थी उसने जैन ट्रैवल्स संचालक मनीष जैन को मारने के लिए सुपारी ली थी। लॉरेंस से कुछ साथी सचिन, भावेश, आरजू व प्रवीण जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस को संदेह है कि फायरिंग की घटना के तार पंजाब से जोधपुर जेल तक जुड़े हुए हो सकते हैं। सेंट्रल जेल प्रशासन से पुलिस ने इनके बारे में जानकारी मांगी है। पुलिस लॉरेंस व उसके साथियों की कॉल डिटेल खंगाल रही है।
पंजाब की गैंग से खलबली अब तक पुलिस को यह भनक नहीं थी कि पंजाब का कुख्यात अपराधी लॉरेंस विश्नोई की गैंग जोधपुर में सक्रिय हो चुकी है, लेकिन इस वारदात में उसका नाम आने व प्रारंभिक स्तर पर जांच के खुलासे के बाद पुलिस भी मानने लगी है कि लॉरेंस गैंग इसमें लिप्त है। इससे पुलिस में भी खलबली मची हुई है।
फेसबुक पर भी सक्रिय संदेह है कि लॉरेंस व साथियों ने सोपू नाम से स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब विश्वविद्यालय संगठन बना रखा है। यह संगठन फेसबुक पर भी सक्रिय है। संगठन के युवा अवैध वसूली का काम करते हैं। इसमें जोधपुर के भी कई युवा जुड़े हुए हैं। पुलिस इसकी पड़ताल भी कर रही है। सोशल मीडिया पर इसकी गतिविधियों पर पुलिस की नजर है।
वीडियो फुटेज से मिल रहा है हुलिया गत दिनों जैन ट्रैवल्स कार्यालय पर जो युवक बंदूक लेकर घूमता हुआ सीसीटीवी में कैद हुआ, उसकी शक्ल व जेल में बंद लॉरेंस के साथियों से गत दिनों जेल में मिलने पहुंचे एक शख्स की शक्ल मिल रही है। इस कारण पुलिस को संदेह है कि इसके तार जेल से भी जुड़े हुए हो सकते हैं।
मांजू ने यह कहा वीडियो में लगातार पुलिस की गिरफ्त से दूर कैलाश मांजू ने सोमवार को दो वीडियो वायरल किए। इसमें उसने पुलिस कमिश्नर और चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानाधिकारी पर रुपए नहीं देने के कारण जबरन मामलों में नाम घसीटने का आरोप लगाया। मांजू ने कहा कि फायरिंग प्रकरण से उसका कोई लेना-देना नहीं है। ट्रैवल्स संचालक जैन उसका मित्र है। इस नाते जैन के कहने पर उस नम्बर पर कॉल किया, जिस नम्बर से जैन को धमकाने का कॉल आया। इस पर पता चला कि कॉल करने वाला लॉरेंस विश्नोई है।उसने लॉरेंस को जैन से दूर रहने की बात कही।
घसीटने का प्रयास किया जा रहा साथ ही आरोप लगाया कि गत दिनों पुलिस कमिश्नर के लिए चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानाधिकारी जब्बरसिंह ने उससे 25 लाख रुपए मांगे, यह रकम नहीं देने के कारण हर प्रकरण में उसे घसीटने का प्रयास किया जा रहा है। तत्कालीन चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानाधिकारी चंद्रप्रकाश ने कमिश्नर के कहने पर उसे झूठा नहीं फंसाया, इस कारण तत्कालीन थानाधिकारी को हटा दिया था।
हर पहलू से कर रहे हैं जांच फायरिंग मामले में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। हर पहलू से जांच की जा रही है। काफी गोपनीय तरीके से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही पूरे मामले का पर्दाफाश कर देंगे।
– समीरकुमार सिंह, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जोधपुर