1. सकारात्मक पहलू : एक शादी में बच गए पांच लाख तक की राशि : सीमित संख्या में शादी होने के कारण कई खर्च कम हुए हैं। इससे मध्यमवर्गीय परिवार का बोझ काफी कम हुआ है।
- 1 हजार व्यक्ति के खाने का 3 से 4 लाख का खर्च बचेगा। - आयोजन प्रबंधन यानि टेंक, लाइट, डेकोरेशन का भी करीब 1 से 2 लाख की बचत होगी।
2. नकारात्मक पहलू : वेडिंग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित होगी। कई तरह का निवेश जो कि इस उद्योग से जुड़े लोगों ने किया है, वह डूबने के कगार पर है। रोजगार भी काफी प्रभावित होगा।
2. नकारात्मक पहलू : वेडिंग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित होगी। कई तरह का निवेश जो कि इस उद्योग से जुड़े लोगों ने किया है, वह डूबने के कगार पर है। रोजगार भी काफी प्रभावित होगा।
- 1 हजार टैंट व्यवसासियों को 15 से 20 करोड़ का नुकसान होगा।
- साउंड-लाइट व वेडिंग डेस्टिनेशन वालों को भी 25 से 30 करोड़ का नुकसान होगा। - ट्रांसपोर्ट, डेकोरेशन व अन्य छोटी इंडस्ट्री वालों को नुकसान होगा।
- साउंड-लाइट व वेडिंग डेस्टिनेशन वालों को भी 25 से 30 करोड़ का नुकसान होगा। - ट्रांसपोर्ट, डेकोरेशन व अन्य छोटी इंडस्ट्री वालों को नुकसान होगा।
गांव की सरहद का आसरा
शहरी क्षेत्र के रहने वाले कई लोगों ने नगर निगम सीमा से बाहर यानि ग्रामीण क्षेत्र की सरहद में स्थित रिसोर्ट में अपनी बुकिंग करवा ली है। वहां अनुमत लोगों की संख्या 50 की बजाय 100 है, ऐसे में वे कुछ राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
शहरी क्षेत्र के रहने वाले कई लोगों ने नगर निगम सीमा से बाहर यानि ग्रामीण क्षेत्र की सरहद में स्थित रिसोर्ट में अपनी बुकिंग करवा ली है। वहां अनुमत लोगों की संख्या 50 की बजाय 100 है, ऐसे में वे कुछ राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
कुछ ऐसी निराशा कोविड की दो लहरों में बुरी तरह प्रभावित हुए टेंट व वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को 2022 में राहत मिलने की उम्मीद थी। जोधपुर टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र फोफलिया व महासचिव सुनिल भाटी ने बताया पंजीकृत व अपंजीकृत टेंट व्यवसायी हैं। विवाह आयोजनों से जुड़े कंदोई, बैण्डवादक, मैरिज प्लेस संचालक, घोड़ी वाले, डेकोरेटेर्स, पुष्प विक्रेता, लाइट डेकोरेटर्स से जुड़े हजारों परिवार है जिनका रोजगार पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
डिजिटल न्यौते तो प्रथम पूज्य तक पहुंचे ही नहीं
जोधपुर में विवाह का प्रथम निमंत्रण रातानाडा गणेश मंदिर में दिए जाने की परम्परा लंबे अर्से से चली आ रही है। पूर्व में इन्हीं दिनों में निमंत्रण पत्रों की संख्या एक हजार से अधिक रहती थी, लेकिन वर्तमान में यह संख्या घटकर 200 से भी कम हो चुकी है। मंदिर पुजारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि लोग डिजिटल निमंत्रण कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जोधपुर में विवाह का प्रथम निमंत्रण रातानाडा गणेश मंदिर में दिए जाने की परम्परा लंबे अर्से से चली आ रही है। पूर्व में इन्हीं दिनों में निमंत्रण पत्रों की संख्या एक हजार से अधिक रहती थी, लेकिन वर्तमान में यह संख्या घटकर 200 से भी कम हो चुकी है। मंदिर पुजारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि लोग डिजिटल निमंत्रण कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अबूझ सावा भी हो सकता है फीका 15 जनवरी से ही सावों का सीजन शुरू हो चुका है। इसी माह में 22, 23 और 24 तारीख को श्रेष्ठ सावों के बाद फरवरी के प्रथम सप्ताह में बसंत पंचमी का अबूझ सावा है जिस पर भी गाइडलाइन का साया होने समूचे मारवाड़ में 2 हजार से अधिक विवाह समारोह फीके हो सकते हैं।