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जोधपुर

सुकर्मा व धृति योग में मनेगी इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या….जानिए क्या है इसका महत्व

सुहागिनें 30 मई को रखेंगी वट सावित्री व्रत, शनि मंदिरों में होंगे आयोजन

जोधपुरMay 27, 2022 / 10:43 pm

Nandkishor Sharma

सुकर्मा व धृति योग में मनेगी इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या....जानिए क्या है  इसका महत्व

सुकर्मा व धृति योग में मनेगी इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या….जानिए क्या है इसका महत्व

जोधपुर. इस साल सोमवती अमावस्या सोमवार 30 मई को मनाई जाएगी। इस सोमवती अमावस्या की विशेष बात यह है कि इस साल सोमवार को पड़ने वाली ये आखिरी अमावस्या है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखेगी । शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। साल की आखिरी सोमवती अमावस्या के दिन सुकर्मा व धृति योग का शुभ संयोग बन रहा है। न्याय के देवता शनिदेव जयंती दिवस मनाया जाएगा। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस बार 30 मई के बाद वर्ष 2022 में कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं आएगी। जिसके कारण इस अमावस्या का महत्व और बढ़ रहा है। इस दिन हो रहे सुकर्मा व धृति योग को शुभ योगों में गिना जाता है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता जरूर मिलती है। धृति योग किसी भवन एवं स्थान का शिलान्यास, भूमि पूजन या नींव पत्थर रखने के लिए उत्तम माना गया है।
सोमवती अमावस्या तिथि

अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 29 मई दोपहर 2:54 से

अमावस्या तिथि समाप्त – 30 मई सोमवार, शाम 4:59 पर

पति की लंबी उम्र के लिए रखती है वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सारे व्रतों में वट सावित्री व्रत को बहुत प्रभावी माना जाता है। जिसमें सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सभी प्रकार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वट सावित्री व्रत 30 मई को पड़ रहा है। पति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर करने की कामना से इस दिन महिलाएं विष्णु लक्ष्मी पूजन और व्रत रखकर वट वृक्ष के पास जाकर धूप, दीप नैवेद्य आदि से पूजन और लंबी उम्र की कामना करती है। इसी दिन सोमवती अमावस्या पर स्नान, दान, पितरों की पूजा और धन प्राप्ति के खास उपाय भी किए जाते है।
शनि भी न्याय के देवता

शनिदेव की जयंती 30 मई को मनाई जाएगी। वैदिकशास्त्रों एवं हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ। पंडित श्रीराम शर्मा के अनुसार इस बार 30 मई को सोमवार एवं अमावस्या होने से पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण पूजन किया जाता है।

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