जिनका सीटी स्को र 12 से अधिक, उनके कई महीनों तक रह सकते हैं साइड इफैक्ट
कोरोना का कहर
सांस फूलने व लंबे समय तक रह सकती हैं खांसी की समस्या

पत्रिका एक्सक्लूसिव
जोधपुर. कोरोना जोधपुर में लोगों के फेफड़े संक्रमित करने के साथ उन्हें कई साइड इफैक्ट देकर जा रहा है। शहर में कोरोना संक्रमण के साथ सीटी स्कैन कराने वाले मरीजों की तादाद बढ़ गई है। जोधपुर में कोरोना नेगेटिव आने के बाद भी कइयों के फेफड़े संक्रमित हो रहे है। साथ ही निमोनिया जैसे लक्षण के कारण भी लोगों को अस्पतालों में भर्ती होना पड़ रहा है। आरटीपीसीआर टेस्ट की वैधता पर भी कई लोग सवालिया निशान लगा रहे है। क्योंकि लोगों को एक जगह सैंपल नेगेटिव और दूसरी जगह सैंपल पॉजिटिव बताया जा रहा है।
सीटी स्कोर 12 के बाद साइड इफैक्ट के बढ़ रहे चांस
कई कोरोना संक्रमितों का सीटी स्कोर 12 या इससे अधिक आ रहा है। इन लोगों में लंबे समय तक अंदेशा है कि सांस फूलने और खांसी रहने की शिकायत रहेगी। क्योंकि 12 सीटी स्कोर व अधिक वाले ऐसे रोगियों में इस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं। चिकित्सक ऐसे मरीजों को अलग से ट्रीटमेंट भी लंबे समय के लिए दे रहे हैं।
आइएलडी लंबी चलने वाली बीमारी है: डॉ. किशोरिया
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. नवीन किशोरिया ने कहा कि आइएलडी (इंटेटिशियल लंग डिजीज ) ये लंबी चलने वाली बीमारी है। पहले इसके कारण पता नहीं लगते थे, जो अब पता चलने लगे हैं। स्वाइन फ्लू में भी ऐसे मामले सामने आए थे, जो इतने नहीं थे। जिन्हें फेफड़ों का संक्रमण 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है, उनमें ये लक्षण 6 से 8 माह तक देखने को मिल सकते हैं। सांस में तकलीफ रहेगी, चलने में दिक्कतें आ सकती है। हल्की-हल्की लगातार खांसी रहेगी। ऑक्सीजन का सेचुरेशन भी 92-93 रहेगा या फिर थोड़ा बीच में गिरेगा। जबकि इन समस्याओं के बीच कोरोना अपना काम करके जा चुका होगा।
दूसरी-तीसरी बार लोग आने लगे हैं संक्रमित
इन दिनों शहर में कई लोग दूसरी और कई जने तीसरी बार संक्रमित हुए हैं। कई मेडिकल स्टाफ भी कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती चल रहा है।
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