थानाधिकारी प्रेमदान रतनू ने बताया कि गत 25 नवम्बर को नाबालिग व उसके साथी युवक का कुम्हारों की ढाणी में कुछ युवकों ने अपहरण कर लिया था और बंधक बनाकर मारपीट की थी। इस दौरान हिस्ट्रीशीटर निम्बाराम ने देसी हथियार से एक फायर भी किया था, लेकिन गनीमत रही कि गोली किसी के नहीं लगी थी। पुलिस के पहुंचने का पता लगने पर आरोपी दोनों को छोड़कर भाग गए थे। आरोपियों की तलाश में दबिशें दी गईं थी, लेकिन वे फरार हो गए थे। इस बीच, मुखबिर व तकनीकी पहलूओं से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने संभावित ठिकानों पर दबिश देकर मूलत: डांवरा हाल बनाड़ में श्रीयादे नगर में तुलसी चौराहे के पास निवासी राजेश सिंह पुत्र राजेन्द्रसिंह, मूलत: नागौर में भावण्डा थानान्तर्गतसेवणी हाल बीजेएस में जालमसिंह का हत्था निवासी कुन्दनसिंह उर्फ केडी पुत्र भंवरसिंह और मूलत: बालेसर में गोपालसर हाल आशापूर्णा नैनो मैक्स निवासी किशनसिंह पुत्र रूपसिंह को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर रिमाण्ड लिया गया है। सरगना निंबाराम फरार है। तीनों आरोपियों को पकड़ने में एएसआइ बींजाराम, हेड कांस्टेबल भगवानदान, कांस्टेबल राजेन्द्र, धनेश, महेन्द्र चन्द्र, पप्पूराम व इन्द्रा शामिल थे।
गिरोह में तीन हिस्ट्रीशीटर शामिल
लोहावट निवासी निम्बाराम चौधरी ने अपराधिक गतिविधियों के लिए गिरोह बना रखा है। जिसमें राजेश डांवरा, कुंदनसिंह, निंबाराम, उसका भाई राजू, किशनसिंह व अन्य शामिल हैं। इसमें निंबाराम, राजेश व कुंदनसिंह हिस्ट्रीशीटर हैं। निंबाराम के खिलाफ राज्य के कई थानों में 20 एफआइआर दर्ज है। वहीं, बनाड़ थाने के हिस्ट्रीशीटर राजेश सिंह डांवरा और महामंदिर थाने के हिस्ट्रीशीटर कुंदनसिंह के खिलाफ 13-13 एफआइआर दर्ज है।
पुलिस की वर्दी पहनकर करते थे वारदात
गत 25 नवम्बर को आरोपी फरार हो गए थे। वे पीपाड़ शहर, भावण्डा, लोहावट व बालेसर क्षेत्र में छुपे थे। पुलिस ने निंबाराम के मकान की तलाशी ली थी। वहां से पुलिस की फर्जी वर्दी (पेंट व अफसर-सिपाही के जूते), अवैध हथियार, तीन लग्जरी गाडि़यां, फर्जी नम्बर प्लेटें जब्त की गईं थी।