रुपए देने से बचने के लिए एक माह से गायब कार चालक साधु के वेश में आश्रम में मिला
जोधपुरPublished: Dec 05, 2021 11:35:43 pm
– बीसी में नुकसान होने से लोगों के रुपए मांगने से परेशान होकर रची थी अपहरण की कहानी- आश्रम से दस्तयाब कर परिजन को सौंपा
रुपए देने से बचने के लिए एक माह से गायब कार चालक साधु के वेश में आश्रम में मिला
जोधपुर.
कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस ने गुड़ा बिश्नोइयान गांव के मंगल नगर से एक माह पूर्व गायब होने वाले कार चालक को मसूरिया में एक आश्रम से रविवार को दस्तयाब किया। जिसे परिजन को सौंप दिया गया। वह बीसी चलाता था व नुकसान होने पर लोगों के रुपए मांगने से परेशान होकर गायब होकर अपहरण की कहानी रची थी।
थानाधिकारी मनीष देव ने बताया कि मंगल नगर निवासी कार चालक जवरीलाल (46) पुत्र खींयाराम बिश्नोई गत 29 अक्टूबर की सुबह सवारी लेने जाने का बताकर गायब हो गया था। उसके घर न लौटने पर 30 अक्टूबर को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। इस दौरान माणकलाव सरहद में लावारिस हालत में उसकी कार मिली थी। जिसका चालक साइड का शीशा फूट हुआ था। अंदर पत्थर पड़े थे। इससे उसके अपहरण का अंदेशा होने लगा। 4 नवम्बर को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया। कार मिलने वाले स्थान के आस-पास दो सौ पुलिसकर्मियों की टीम और डॉग स्क्वॉयड ने तलाश की थी, लेकिन वह नहीं मिला था।
पुलिस और साइबर सैल की टीमों ने जोधपुर से पाली, बिलाड़ा, डांगियावास, जाजीवाल भाटियान, करवड़ व माणकलाव तक सीसीटीवी फुटेज चेक किए। साइबर सैल के एसआइ कानाराम, हेड कांस्टेबल प्रेम, कांस्टेबल धीरज, पप्पूराम व श्यामलाल ने तकनीकी तंत्र से मिली सूचना के आधार पर मसूरिया में गणेश भारती महाराज के आश्रम में तलाश की। तब साधु के वेश में जवरीलाल मिल गया। जिसे थाने लाया गया, जहां परिजन को सुपुर्द किया गया।
लोगों के रुपए मांगने से बचने के लिए रची कहानी
पूछताछ में सामने आया कि जवरीलाल बीसी भी चलाता था, लेकिन उसमें नुकसान हो गया था। ऐसे में बीसी में निवेश करने वाले लोग अपने रुपए वसूलने के लिए दबाव डालने लग गए थे। जिनसे बचने के लिए उसने अपहरण की कहानी रची थी।
परिजन ने लगा रखी है बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
कार चालक का पता न लगने पर परिजन ने हाईकोर्ट की शरण लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगा रखी है। ऐसे में उसे ढूंढ निकालने के लिए पुलिस पर दबाव था। अब उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
खुद ने ही कार के शीशे फोड़ लावारिस छोड़ी थी
गत 29 अक्टूबर को घर से निकलने के बाद परिजन व पुलिस को चकमा देने के लिए चालक जोधपुर से रोहट, पाली, बिलाड़ा, डांगियावास, जाजीवाल भाटियान होकर शाम को मण्डलनाथ से मथानिया बाइपास पहुंचा था, जहां माणकलाव सरहद में सुनसान जगह कार लावारिस छोड़ी थी। उसी ने शीशे फोड़े थे। मोबाइल बंद कर गायब हो गया था। वह बुटाटी धाम, रामदेवरा व अन्य जगहों पर रहा। दो-तीन दिन पहले ही मसूरिया में आश्रम आया था। मठाधीश को अजमेर मठ से महेश नाम बताकर रहने लगा था।