जोधपुर

रिश्वत मांग सतर्क हुए दो पटवारी, एसीबी में एफआइआर दर्ज

– बाड़मेर जिले में आकली के पटवारी ने 25 सौ व जालोर में रेवतड़ा के पटवारी ने मांगे तीन हजार रुपए- गोपनीय सत्यापन में पुष्टि के बाद भनक लगने से नहीं हो पाए थे ट्रैप

जोधपुरJun 12, 2021 / 01:28 am

Vikas Choudhary

रिश्वत मांग सतर्क हुए दो पटवारी, एसीबी में एफआइआर दर्ज

जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बाड़मेर जिले में आकली के तत्कालीन पटवारी व जालोर जिले में रेवतड़ा पटवारी के खिलाफ रिश्वत मांगने के संबंध में एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है। दोनों पटवारी एसीबी कार्रवाई की भनक लगने से रंगे हाथों पकड़े नहीं जा सके थे। गोपनीय सत्यापन के आधार पर अब एफआइआर दर्ज की गई।
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि बाड़मेर जिले में आकली के तत्कालीन व भिंयाड़ मण्डल के पटवारी हरिशंकर और जालोर जिले में रेवतड़ा गांव के पटवारी महेन्द्र सोनी के खिलाफ रिश्वत की मांग करने के संबंध में मामला दर्ज किया गया है। जयपुर स्थित मुख्यालय में मामला दर्ज होने के बाद जांच के लिए एफआइआर जोधपुर स्थित कार्यालय भेजी गई है।
प्रति व्यक्ति 500 के हिसाब से मांगे थे 25 सौ रुपए
बाड़मेर जिले की शिव तहसील के थुम्बली गांव निवासी प्रेमसिंह पुत्र सगतसिंह के माता-पिता, दादी व दो चाचा के नाम बैंक खाते में खाद बीज अनुदान राशि जमा होनी थी। प्रत्येक को 500-500 रुपए मिलने वाले थे। इस संबंध में प्रेमसिंह ने शिव स्थित कमरे में पटवारी से सम्पर्क किया तो उसने प्रत्येक खातेदार की बैंक डायरी व आधार कार्ड की कॉपी जमा करने की एवज में 500-500 रुपए के हिसाब से २५ सौ रुपए रिश्वत मांगी। उसने बिना रिश्वत काम करने से इनकार कर दिया। 24 नवम्बर को एसीबी ने गोपनीय सत्यापन कराया था। जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। 25 नवम्बर को वह ट्रैप नहीं हो सका। २६ नवम्बर को वह चुनावी ड्यूटी में चला गया था। 18 दिसम्बर को भी ट्रैप विफल हो गया था। 2 अप्रेल को पटवारी का तबादला भिंयाड़ हो गया था। संभवत: एसीबी कार्रवाई की भनक लगने से वह पकड़ा नहीं जा सका।
22 हजार मांगे, 13 हजार लिए, तीन हजार और डिमाण्ड
जालोर जिले में वीराना गांव निवासी एक व्यक्ति के पिता के नाम पैतृक भूमि है। पिता की मृत्यु पर मां ने पुत्र के नाम भूमि बख्शीशनामा कर दी। सायला तहसील में पुत्र के नाम भूमि का नामान्तरण खोलने के बदले पटवारी महेन्द्र सोनी ने 22 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। 13 हजार रुपए ले लिए थे। तीन हजार रुपए की और मांग करने पर एसीबी से शिकायत की गई। 23 फरवरी को गोपनीय सत्यापन में तीन हजार मांगने की पुष्टि हुई थी, लेकिन कार्रवाई का संदेह होने पर उसने घूस नहीं ली थी। सत्यापन में मांग की पुष्टि होने पर शुक्रवार को पटवारी महेन्द्र सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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