जोधपुर

दो वर्ष का आरपीएमसी डिप्लोमा पांच साल में होगा पूरा, विद्यार्थियों में निराशा, वैकेंसी आकर चली गई लेकिन आवेदन नहीं कर सके

– वर्ष 2018 में लिया था प्रवेश, 3 साल में पैरामेडिकल काउंसिल ने अब तक प्रथम वर्ष भी पास नहीं करवाई

जोधपुरNov 16, 2021 / 04:09 pm

जय कुमार भाटी

जोधपुर. राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल (आरपीएमसी) के डिप्लोमा पाठ्यक्रम राजस्थान मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजी (आरएमएलटी) पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने विद्यार्थियों की 3 साल में भी फस्र्ट ईयर पूरी नहीं हुई है। फस्र्ट ईयर के रिजल्ट का विद्यार्थियों को इंतजार है। इसके बाद सैकेण्ड ईयर में प्रवेश लेंगे। आरपीएमसी की गति देखकर लगता है कि सैकेंड ईयर में भी न्यूनतम दो साल लगेंगे। डिप्लोमा का सर्टिफिकेट 5 साल में हाथ में आएगा। इतने में तो एमबीबीएस, बीटैक जैसी डिग्रियां भी पूरी हो जाती।
वर्ष 2018 बैच में प्रदेश में आरएमएलटी पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों का बुरा हाल है। कोविड के नाम पर आरपीएमसी ने परीक्षाएं ही नहीं करवाई। इस साल मार्च में लिखित परीक्षा करवाई। इसके बाद प्रायोगिक परीक्षा हुई लेकिन परिणाम अब तक नहीं आया।
ऐसा तो कहीं नहीं देखा, लिखित व प्रायोगिक में 4 महीने का अंतर
आरपीएमसी के लचर रवैए का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि उसकी लिखित व प्रायोगिक परीक्षा में भी चार से पांच महीने का अंतर है। इस साल मार्च में लिखित परीक्षा हुई और जुलाई में जाकर प्रायोगिक परीक्षा करवाई गई। सामान्यत: प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में लिखित व प्रायोगिक परीक्षा आगे-पीेछे ही होती है।
मार्च जुलाई में प्रेक्टिकल
वर्ष 2020 में वैकेंसी आई, नौकरी दूसरे आकर ले गए
राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में लेबोरेट्री टेक्निशियन की वैकेंसी निकाली। लेकिन वर्ष 2018 के बैच की छोडि़ए, 2017 बैच के विद्यार्थी भी डिप्लोमा सर्टिफिकेट हाथ में नहीं होने से इसमें आवेदन नहीं कर सके। दूसरे राज्यों के डिप्लोमाधारी छात्र आकर हमारी नौकरी ले गए।
आरयूएचएस और आरपीएमसी दोनों करवाते हैं
मेडिकल टेक्निशियन पाठ्यक्रम आरपीएमसी के अलावा राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) भी करवाता है। आरयूएचएस के पास संसाधन होने वह अपना परीक्षा कार्यक्रम समय पर पूरा कर लेता है। एक जैसे पाठ्यक्रम दो संस्थानों की ओर से करवाने को लेकर भी सवालिया निशान है।
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‘कुछ तकनीकी कारणों से परीक्षा में देरी हो गई। प्रथम वर्ष का परिणाम जल्द निकालकर द्वितीय वर्ष करवा देंगे।’
नरपत सिंह कच्छवाह, उपाध्यक्ष, राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल

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