पांच लाख मेहमानों के लिए चार लाख किलो भोजन बन रहा
वीजा नहीं मिल रहा था
मुजम्मिल खान के दादा भालेह खान बातते हैं कि पाकिस्तान से दुल्हान को भारत लाने का वीजा नहीं मिल पा रहा था। इसके कारण ही दुल्हन की विदाई समय से नहीं हो पाई। अब जब बाघा बार्डर से दुल्हन आ गई है तो वह बहुत खुश हैं और दुल्हन भी बहुत खुश है। वह बताते हैं कि उन्होंने अपने पोते के लिए उसे पाकिस्तान में ही पसंद किया था लेकिन जब शादी करनी हुई तो ट्रेन बंद हो गई। इतना पैसा नहीं था कि हवाई जहाज से वहां जाते तो वीडियो कांफ्रेंस से विवाह कराया और अब दुल्हन को अपने घर ले आए हैं।
समय के साथ बदली परिपाटी
इस शादी से अब कई परिवार इस तरह से शादी करने की तैयारी कर रहे हैं। इस अनूठी विवाह के सूत्रधार सिविल कांट्रेक्टर पाकिस्तानी दुल्हन के ससुर भाले खान मेहर बताते हैं कि समय के साथ परिपाटी में बदलाव जरूरी है। तमाम परेशानियों के बीच इस तरह के आयोजन की प्रासंगिकता बढ़ गई है। पाकिस्तानी बहू लाने के लिए आनलॉइन निकाह एक अच्छा विकल्प है। इसमें न कोई जोखिम है और न ही महंगा पड़ता है।