scriptसूर्यनगरी में सावधानी बरतें…गड्ढे ले रहे हैं जान, पन्द्रह दिन में दूसरी मौत | unsafe road in suncity | Patrika News

सूर्यनगरी में सावधानी बरतें…गड्ढे ले रहे हैं जान, पन्द्रह दिन में दूसरी मौत

locationजोधपुरPublished: Jul 06, 2019 08:36:12 pm

सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे अब लोगों की जान ले रहे हैं। पिछले पन्द्रह दिनों में यहां गड्ढे दो बार मौत के जिम्मेदार बने हैं।

unsafe road in suncity

सूर्यनगरी में सावधानी बरतें…गड्ढे ले रहे हैं जान, पन्द्रह दिन में दूसरी मौत

जोधपुर। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे अब लोगों की जान ले रहे हैं। पिछले पन्द्रह दिनों में यहां गड्ढे दो बार मौत के जिम्मेदार बने हैं। अब तक दर्जनों यहां गिरकर चोटिल हो चुके हैं। पहले वायुसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की जान गई तो अब बारिश के पानी से भरे गड्ढे से बचने के प्रयास में ब्रेक लगाने से एक मोटरसाइकिल सवार को पीछे चल रहे ट्रक ने कुचल दिया। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन साधे बैठे हैं। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति जरूर हो जाती है।
हाल यह है कि थोड़ी सी बारिश में शहर कई जगह टापू बन जाता है। बारिश थमने के बाद भी बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती है। ऐसे में अधिकारियों का तर्क होता है कि अब बारिश में तो अचानक निकासी के इंतजाम कैसे करें, लेकिन इतने साल क्या किया? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। पिछले दिनों करीब आधे घंटे की बारिश में यहां डिगाड़ी चौराहा रोड, बनाड़ रोड पर पानी भर गया। इसी तरह रातानाड़ा सर्किल, महामंदिर, सरदारपुरा, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, सरस्वती नगर, पाल रोड, आखलिया चौराहा, सूरसागर, बासनी में कई जगह पानी का भराव हो गया, जिससे सर्वाधिक परेशानी राहगीरों को हुई। बारिश तो थम गई लेकिन आवाजाही में लोग खूब परेशान हुए।
यह है असल वजह
सड़क निर्माण और मरम्मत में डामर से लेकर अन्य सामग्रियों की घटिया परत चढ़ाई जा रही है। इससे सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। पूरे प्रदेश में यही स्थिति है। शहर से लेकर कस्बाई इलाकों में इस तरह के ही हालात हैं। न तो ऐसा करने वाले ठेकेदारों का कुछ बिगड़ा और ना ही जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई हुई है। भुगत रही है तो बस जनता। ये हालात एक-दो माह के नहीं है, वर्षों से ऐसा ही चला आ रहा है। सड़क बनती है और थोड़े ही दिनों में जगह-जगह से टूट जाती है। सड़कों के गड्ढ़े फिर आए दिन जख्म देते रहते हैं। वाहन चालक तो क्या राहगीरों का चलना मुश्किल हो जाता है। कोढ़ में खाज का काम अधिकांश शहरों में सीवरेज कार्य कर रहा है। कई जगह कार्य पूरा होने के बावजूद भी सड़कों को समतल नहीं किया गया। ऐसे मेें आए दिन यहां वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं। अगर हालात यही रहे तो बारिश के दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसा भी नहीं है कि लोग कुछ बोलते नहीं। जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कई मर्तबा इस संबंध में अवगत कराते हैं लेकिन आश्वासन से बात आगे ही नहीं बढ़ती।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो