वातावरण में बहुत सारे वायरस हैं। चिकित्सा विज्ञान को स्वाइन फ्लू, डेंगू व चिकनगुनिया के नाम पता हैं। कुछ वायरस पहचान में नहीं आए हैं। कई वायरस में एक जैसे लक्ष्ण हैं, जिनमें शरीर टूटना, आंखों में जलन, बदन दर्द, तेज बुखार व प्लेटलेट्स कम हो जाना लक्षण है। कई बार जल्दी टेस्ट कराने पर बीमारी जांच में सामने नहीं आती। सितंबर-अक्टूबर माह और मार्च-अप्रेल माह में वायरस व बैक्टीरिया ज्यादा धावा बोलते हैं। अत्यधिक गर्मी व सर्दी में बैक्टीरिया व वायरस सक्रिय नहीं रह पाते। इन बीमारियों को पनपने के लिए 27 से 35 डिग्री का तापमान अनुकूल होता है। इस सीजन में सांस की बीमारियां व साधारण फ्लू के मरीज भी बढ़ जाते हैं। इस सीजन में पानी से होने वाली बीमारियां के मरीज भी ज्यादा आते हैं।
– डॉ. आलोक गुप्ता, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज