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जोधपुर दिवाली हादसे: पटाखों से 45 की आंख चोटिल, 1 महिला के जीवन में हुआ अंधियारा

locationजोधपुरPublished: Oct 22, 2017 11:58:13 am

Submitted by:

Abhishek Bissa

पंचपर्व दिवाली पर शहर में कई हादसे हुए।
 

45 people injured their eyes on diwali due to cracker fire

45 people injured their eyes on diwali due to cracker fire

दिवाली और रामा-श्यामा के दो दिन कई घरों में परेशानी भरे रहे। इस दौरान डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मथुरादास माथुर अस्पताल और गांधी अस्पताल में पटाखों से घायल होने वालों का तांता लगा गया। गांधी अस्पताल और मथुरादास माथुर अस्पताल में 83 पटाखों से जलने के केस सामने आए। इसमें ज्यादातर बच्चे पटाखे तो महिलाएं दीये से जल गईं। इन्हीं नये दिनों में शराब पीकर वाहन चलाने वाले 50 मरीज मथुरादास माथुर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में इलाज करवाने आए, जिनमें से 4-5 रोगी एमडीएम की ट्रोमा आईसीयू में भर्ती हैं। शेष को उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
4 साल की मासूम सहित जलने के कारण 4 मरीज भर्ती


पटाखों से जलने वाले अधिकतर मरीज बच्चे थे। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अजय मालवीय ने बताया कि दिवाली के दिन महात्मा गांधी अस्पताल में कुल 28 मरीज जलने के कारण घायल हो गए, जिनमें से एक 4 वर्षीय बच्ची भी थी। जिसका 15 से 20 प्रतिशत शरीर जल गया। इसका उपचार जारी है। इसके अलावा 10 मरीज एमडीएम अस्पताल पहुंचे। अगले दिन इन्हीं अस्पतालों में जलने के कारण 45 बच्चे व जवान भर्ती हुए। इस दिन अत्यधिक जलने के कारण तीन और मरीजों को भर्ती करवाना पड़ा।चली गई आंखों की रोशनी, कइयों की सरक गई पुतली दिवाली के दिन पटाखा आंख में लगने से प्रतापनगर निवासी एक महिला की एक आंख की रोशनी चली गई।
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद चौहान के मुताबिक इस महिला की आंख में पटाखा लग गया। जिस कारण उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। इस महिला को रामा-श्यामा के दिन ऑपरेशन कर छुट्टी दे दी गई। पटाखों से कुल 45 जनों की आंखें चोटिल हुईं। वहीं एक बालक नेत्र रोग वार्ड में भर्ती हैं, जिसका इलाज चल रहा है। पटाखों के धुएं में मैग्नीशियम ऑक्साइड के कारण कई लोगों को आंखें जलने की भी शिकायत हुई। हालांकि उनकी स्थिति अब नियंत्रण में है। पटाखों के कारण कई लोगों की आंखों की पुतली सरक गई। आंखों में खून भर गया , जैसे-जैसे खून सूखेगा, वैसे-वैसे उनकी अंाखों की रोशनी धीरे-धीरे लौटेगी।
शराब ने घर के बजाय पहुंचाया अस्पताल

दिवाली और रामा-श्यामा के दिन कई लोग शराब के नशे में गाड़ी चला रहे थे। ऐसे लोग उस दिन घर के बजाय कब अस्पताल पहुंचे, उन्हें खुद भी पता नहीं लगा। दिवाली और रामा-श्यामा के दिन अस्पताल में पहुंचे घायलों में शराबियों की संख्या अधिक थी। एमडीएम ट्रोमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि दो दिनों में 50 मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो अत्यधिक शराब का सेवन किए हुए थे। इसमें से एक-दो जनों का ट्रोमा आईसीयू में इलाज चल रहा है। शेष 7-8 अन्य वार्डों में भर्ती हैं। शराब पीकर वाहन चलाने वाले घायल देर रात तक अस्पताल पहुंचते रहे।
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