scriptतीन कमरों में पढ़ रहीं आठ कक्षाएं                     | eight classes studying in three classes | Patrika News

तीन कमरों में पढ़ रहीं आठ कक्षाएं                    

locationजोधपुरPublished: Feb 05, 2016 12:11:00 am

Submitted by:

Abhishek sharma

नेवर ग्राम पंचायत के खेड़ावास गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत
विद्यालय में अध्यापकों एवं कक्षा-कक्षों की कमी के चलते नामांकन घट रहा
है। गत वर्ष 150 विद्यार्थियों का नामांकन था, जो इस वर्ष घटकर 92 गया है।
विद्यालय में आठ कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए मात्र चार
शिक्षक हैं। दो पद तृतीय श्रेणी अध्यापकों के लम्बे समय से रिक्त चल रहे
हैं। ऐसे में चार शिक्षकों को दो या तीन-तीन कक्षाओं के विद्यार्थियों को
एक जगह बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

नेवर ग्राम पंचायत के खेड़ावास गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय में अध्यापकों एवं कक्षा-कक्षों की कमी के चलते नामांकन घट रहा है। गत वर्ष 150 विद्यार्थियों का नामांकन था, जो इस वर्ष घटकर 92 गया है। विद्यालय में आठ कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए मात्र चार शिक्षक हैं। दो पद तृतीय श्रेणी अध्यापकों के लम्बे समय से रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में चार शिक्षकों को दो या तीन-तीन कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक जगह बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
विद्यालय में कुल 5 कमरे हैं। इनमें से एक प्रधानाध्यापक कक्ष तथा एक कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। शेष तीन कमरों व बरामदे में विद्यार्थियों को बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। स्टोर और पोषाहार का सामान रखने के लिए भी कमरे नहीं हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक लगवाने एवं कमरों की कमी के बारे में सरपंच, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने से विद्यार्थियों को ही सफाई करनी पड़ती है। सफाई करने से पढ़ाई प्रभावित होती है।
चारदीवारी जीर्ण-शीर्ण
विद्यालय भवन के चारों तरफ बनी चारदीवारी सामाजिक कंटकों ने क्षतिग्रस्त कर दी है। चारदीवारी के जगह-जगह से टूटने आवारा पशु परिसर में घुसकर पेड़ों को नष्ट करने के साथ गंदगी फैला जाते हैं। स्कूल समय में आवारा पशुओं के जमघट के कारण विद्यार्थियों का पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं रहता है। विद्यालय में शौचालय की कमी भी अखर रही है। शौचालय के अभाव में विद्यार्थियों और स्टाफ को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विद्यार्थी खेलों से वंचित
स्कूल में खेल मैदान नहीं होने से विद्यार्थियों को खेल प्रतियोगिताओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों ने बताया कि खेल मैदान के लिए जमीन आवंटित करवाने के लिए पूर्व में नेवर ग्राम पंचायत प्रशासन को लिखित में दिया था, लेकिन विद्यालय के नाम आज तक भूमि आवंटित नहीं की गई है। यहां बॉलीवाल, बेडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट आदि खेलों की सामग्री भी नहीं है।
विद्युत कनेक्शन नहीं
स्कूल में विद्युत कनेक्शन नहीं होने से गर्मी के दिनों में कमरों में बैठना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बरामदे या पेड़ के नीचे कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। बारिश के मौसम में बच्चों को बाहर बैठाकर पढ़ाना मुश्किल हो जाता है।
शिक्षकों की कमी है। आठ कक्षाओं के विद्यार्थियों को चार शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जिससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। विद्यालय की समस्याओं के बारे में विभाग के अधिकारियोंं को समय-समय पर अवगत कराते रहते हैं, इसके बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।
सत्यनारायण सैन, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय, खेड़ावास
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो