पोस्टमार्टम हुआ
थानाधिकारी रघुवीरसिंह ने बताया कि मूलत: हरियाणा के रेवाड़ी हाल पाल में आसाराम के आश्रम निवासी अमित (१९) पुत्र विकास यादव के शव का शुक्रवार को मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाया गया। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदा लगने से मृत्यु होने का अंदेशा जताया है। आश्रम संचालक भरत पाटिल की शिकायत पर गुरुवार रात को मर्ग दर्ज किया गया था, जिसकी जांच की जा रही है। यदि कोई संदिग्ध बात सामने आती है तो एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद शव आसाराम के आश्रम ले जाया गया, जहां सेवादारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर शव रेवाड़ी ले जाया गया।
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थानाधिकारी रघुवीरसिंह ने बताया कि मूलत: हरियाणा के रेवाड़ी हाल पाल में आसाराम के आश्रम निवासी अमित (१९) पुत्र विकास यादव के शव का शुक्रवार को मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाया गया। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदा लगने से मृत्यु होने का अंदेशा जताया है। आश्रम संचालक भरत पाटिल की शिकायत पर गुरुवार रात को मर्ग दर्ज किया गया था, जिसकी जांच की जा रही है। यदि कोई संदिग्ध बात सामने आती है तो एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद शव आसाराम के आश्रम ले जाया गया, जहां सेवादारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर शव रेवाड़ी ले जाया गया।
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बचपन से ही कर रहा था आश्रम में सेवा
मृतक के पिता व दो चाचा शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे। सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त पिता ने मोर्चरी के बाहर पत्रकारों से कहा कि अमित यादव ग्यारह साल से आश्रम में है। वह कुछ दिन पहले ही घर जाकर जोधपुर स्थित आश्रम लौटा था। पंद्रह दिन पहले उससे फोन पर बात हुई थी। तब उसने कहा था कि वह ठीक है। उसने घर लौटने की इच्छा भी जताई थी। उन्हें गुरुवार रात किसी अन्य व्यक्ति ने अमित की मौत के बारे में जानकारी दी थी। वो सुबह जोधपुर पहुंचे, लेकिन आश्रम के किसी भी व्यक्ति ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आसाराम के गुर्गों ने ही उसकी हत्या की है और फिर उसे फंदे पर लटकाया है।
मृतक के पिता व दो चाचा शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे। सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त पिता ने मोर्चरी के बाहर पत्रकारों से कहा कि अमित यादव ग्यारह साल से आश्रम में है। वह कुछ दिन पहले ही घर जाकर जोधपुर स्थित आश्रम लौटा था। पंद्रह दिन पहले उससे फोन पर बात हुई थी। तब उसने कहा था कि वह ठीक है। उसने घर लौटने की इच्छा भी जताई थी। उन्हें गुरुवार रात किसी अन्य व्यक्ति ने अमित की मौत के बारे में जानकारी दी थी। वो सुबह जोधपुर पहुंचे, लेकिन आश्रम के किसी भी व्यक्ति ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आसाराम के गुर्गों ने ही उसकी हत्या की है और फिर उसे फंदे पर लटकाया है।
आसाराम का खास सेवादार था सूत्रों के अनुसार अमित यादव पिछले चार साल से आसाराम के लिए जेल में खाना लेकर जाता था। एक अन्य सेवादार भी उसके साथ जाता था। अमित को आसाराम का खास सेवादार माना जाता था, जो आश्रम में होने वाली हर गतिविधि की जानकारी आसाराम तक पहुंचाता था। आशंका है कि कुछ अन्य सेवादार इससे खुश नहीं थे।
स्वेच्छा से मर रहा हूं, आश्रम वालों को परेशान न करें
पुलिस ने शुक्रवार को मृतक के परिजन की मौजूदगी में पाल आश्रम स्थित कमरे की तलाशी ली। फंदे पर लटका मिलने के बाद कमरा पुलिस ने सीज कर दिया था। तलाशी में कमरे से एक सुसाइड नोट मिला। चार-पांच लाइन के सुसाइड नोट में लिखा है कि वो स्वेच्छा से आत्महत्या कर रहा है। इसके लिए आश्रम वालों को परेशान न किया जाए। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट में परिजन के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है।
पुलिस ने शुक्रवार को मृतक के परिजन की मौजूदगी में पाल आश्रम स्थित कमरे की तलाशी ली। फंदे पर लटका मिलने के बाद कमरा पुलिस ने सीज कर दिया था। तलाशी में कमरे से एक सुसाइड नोट मिला। चार-पांच लाइन के सुसाइड नोट में लिखा है कि वो स्वेच्छा से आत्महत्या कर रहा है। इसके लिए आश्रम वालों को परेशान न किया जाए। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट में परिजन के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है।