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video : भंवरीदेवी अपहरण व हत्या मामला : अदालत में अपने तथ्यों व जांच पर कायम रहे सीबीआई के एसपी

locationजोधपुरPublished: Mar 13, 2018 08:42:21 pm

Submitted by:

M I Zahir

एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण और हत्या करने के मामले में एससी एसटी अदालत में सीबीआई एसपी राठी से दो घंटे तक जिरह की गई।

Bhanwaridevi case: CBI sp put up facts in the court

rajasthan high court

जोधपुर . बहुचर्चित एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण व हत्या के सात साल पुराने मामले में अनुसूचित जाति-जनजाति के विशिष्ट न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा के समक्ष मंगलवार को बचाव पक्ष की ओर से अभियोजन गवाह सीबीआई के तत्कालीन एसपी राकेश राठी से जिरह की गई, जो दूसरे दिन भी वक्त की कमी के कारण अधूरी रही। बुधवार को फिर जिरह होगी। मामले में सह अभियुक्त उमेशाराम की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र चौधरी ने राठी से अनुसंधान के दौरान महत्वपूर्ण सुबूत के बारे में जिरह की। राठी अपने अनुसंधान और न्यायालय में पेश किए गए तथ्यों पर अडिग रहे। इस दौरान सीबीआई के विशिष्ट अधिवक्ता मुम्बई के एेजाज खान व बचाव पक्ष के अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, नीलकमल बोहरा और संजय विश्नोई उपस्थित थे।
ज्यादातर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी

दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के साथ इस मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, पूर्व विधायक मलखानसिंह और इंद्रा विश्नोई दस सहित लोगों को न्यायालय में पेश किया। राठी ने केस की शुरुआत के समय विभिन्न आरोपियों से पूछताछ की थी। राठी के नेतृत्व में ही ज्यादातर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी।
समय की कमी के कारण जिरह अधूरी रह गई थी

ध्यान रहे कि बहुचर्चित एएनएम भंवरीदेवी अपहरण व हत्या मामले में अनुसूचित जाति जनजाति मामलात अदालत के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा के समक्ष सोमवार को भी सुनवाई हुई थी। तब बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोपी उमेशाराम की ओर से सीबीआई के तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी व एसपी राकेश राठी से करीब दो घंटे तक जिरह की थी, लेकिन वक्त की कमी की वजह से यह जिरह अधूरी रह गइ थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक मलखानसिंह, उनका भाई परसराम व उनकी बहन इंद्रा विश्नोई को कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया गया था। वहीं अन्य सभी आरोपियोंं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को पेश किया गया।
हाईकोर्ट में सुनवाई ८ सप्ताह टली
राजस्थान हाईकोर्ट में इसी मामले के आरोपी शहाबुद्दीन, सोहनलाल व इंद्रा विश्नोई की ओर से वॉइस सैम्पल को लेकर याचिका पेश की गई थी, जो जस्टिस पीके लोहरा की अदालत में सूचीबद्ध थी, लेकिन इन याचिकाओं पर आठ सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी गई थी।

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