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जोधपुर: निगम की लापरवाही ने किया मेरा घर बर्बाद, पत्नी बेटे की जान गई, दूसरे के सिर से ममता भी छीन ली गई

locationजोधपुरPublished: Sep 14, 2017 12:07:19 pm

Submitted by:

Vikas Choudhary

खुले नाले में गिरने से मां-पुत्र की मौत का मामला

man lost wife and son in open drain

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‘नगर निगम की लापरवाही से मेरा हंसता खेलता घर व परिवार बर्बाद हो गया। लापरवाही के कारण खुले पड़े गंदे नालों ने न सिर्फ मेरी पत्नी मंगेश कंवर व छोटे पुत्र वीरेन्द्र (4) की जान ली है, बल्कि मेरे छह साल के पुत्र के सिर से ममता भी छीन ली। उसका भविष्य दांव पर लग गया है। सारी जिम्मेदारियां मुझ पर आ गई हैं। हंसी-खुशी वाले घर में दुखों का पहाड़ गिर गया है। इसके लिए सीधे तौर पर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ही महापौर जिम्मेदार हैं। इन सभी को लापरवाही की कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ताकि जो मेरे जैसी बर्बादी किसी अन्य व्यक्ति या परिवार के साथ न हों और इन अधिकारियों को सबक मिल सके।Ó
यह कहना है कि मूलत: पूनासर हाल मदेरणा कॉलोनी निवासी नारायणसिंह पुत्र लादू सिंह राजपूत का। जिनकी पत्नी मंगेश कंवर व पुत्र वीरेन्द्र मंगलवार रात माता का थान बापू नगर में खुले नाले में गिरकर बह गए थे। नाले में डूबने से दोनों की मौत हो गई थी।
नौ घंटे बाद तड़के पांच बजे मिला बालक का शव


मंगेश कंवर व छोटे पुत्र वीरेन्द्र के साथ माता का थान में चल रही भागवत कथा सुनने के लिए मोहल्ले की महिलाओं के साथ गई थी, जहां से रात आठ बजे पैदल लौट रही थी। बापू नगर में धर्म कांटे के पास पट्टियां हटाने से खुले नाले में मां-पुत्र गिर गए थे। बारिश की वजह से चल रहे तेज बहाव में दोनों बह गए थे। रात 10.40 बजे मंगेश कंवर का शव निकाल लिया गया था। जबकि वीरेन्द्र की तलाश में नगर निगम के रेस्क्यू दल ने डेढ़ किमी तक जगह-जगह से नाले को खोलकर तलाशी ली थी, लेकिन उसका कोई पत नहीं लग पाया। तड़के निगम ने जहां मां पुत्र गिरे थे उसके पास दुबारा तलाश शुरू की। बुधवार तड़के पांच बजे तीन सौ मीटर दूरी पर ही सीमेंट के पाइप में ऊपर फंसा वीरेन्द्र मिल गया। उसकी मौत हो चुकी थी। दोनों के शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए गए। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार शाम पांच बजे दोनों के शव परिजन को सौंपे गए। अंतिम संस्कार के लिए दोनों शव परिजन गांव लेकर रवाना हो गए।
लापरवाही से मौत की एफआईआर दर्ज

मृतका मंगेश के पति नारायण सिंह ने मण्डोर थाने में नगर निगम के सीईओ, महापौर व निरीक्षक के साथ ही क्षेत्र से जुड़े अन्य अधिकारियों पर लापरवाही बरतने से पत्नी व पुत्र की मौत का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि निगम अधिकारी व कर्मचारियों ने जगह-जगह नाले खुले छोड़ रखे हैं। जिसमें उसकी पत्नी व पुत्र गिरकर बह गए थे और उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए में मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
दस-दस लाख मुआवजे की मांग

मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने समाज व परिजन के साथ मृतकों के आश्रित को दस-दस लाख रुपए मुआवजा, अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसको लेकर सभी मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शम्भू सिंह खेतासर मोर्चरी आए और समाज व परिजन से वार्ता की। खेतासर ने निगम से पांच-पांच लाख रुपए दिलाने का विश्वास दिलाया, लेकिन राजपूत समाज के लोग दस-दस लाख रुपए पर अड़े रहे। एडीएम व तहसीलदार भी मोर्चरी आए और दस-दस लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवाने का विश्वास दिलाया। तब परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए।

एफआईआर दर्ज करने में ना-नुकर

सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने बताया कि निगम की लापरवाही से शहर में नाले खुले पड़े हैं। आए दिन हादसे हो रहे हैं। नाले बंद होते तो दो जिन्दगियां नहीं जाती। परिवार पर दुखों का पहाड़ नहीं गिरता। निगम प्रशासन व राज्य सरकार की घोर लापरवाही है। आलम तो यह है कि निगम सोया हुआ है और अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है। धरने-प्रदर्शन की आशंका से घिरी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में कोताही बरती और ना-नुकर करती रही। काफी देर से मामला दर्ज किया गया।

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