दरअसल, जनाना विंग में दोपहर १ बजे ग्वाला नाड़ा बाड़मेर निवासी ममता पत्नी श्रवण के लड़की पैदा हुई थी। इसके बाद १ बजकर २९ मिनट पर हुड़ों की ढाणी बाड़मेर निवासी शांति पत्नी हनुमान के भी लड़की हुई। सिजेरियन ओटी में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ममता की फिमेल बेबी को शांति के परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इसके बाद वापस मौजूदा कार्यरत स्टाफ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने आकर कह दिया गलत बेबी आ गया, ये तो शांति का है। इस पर परिजनों और अस्पताल कर्मियों के बीच विवाद हो गया। मौके पर पुलिस पहुंच गई।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर नर्सिंग अधीक्षक संपतराज चौहान और अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके भास्कर भी पहुंच गए। दोनों ने बच्चों पर लगे टेग के जरिए परिजनों से समझाइश कर शांत किया। उसके बाद परिजन डीएनए के लिए अड़े रहे। अस्पताल प्रशासन ने फुट प्रिंट की पहचान परिजनों को बताया। फुट प्रिंट सही मिलने के बाद परिजन मान गए।
दरअसल ये सब कुछ स्टाफ से हुई गफलत के कारण हुआ था। उनके बीच हुए कंफ्यूजन के कारण दो परिवारों के बीच भी ऊहापोह की स्थिति बन गई। हालांकि समय रहते वहां के ही स्टाफ की सूझबूझ के कारण मामले ने तूल नहीं पकड़ा और सब कुछ जल्द ही शांत हो गया। अन्यथा बात काफी बढ़ सकती थी। दोनों ने बच्चों पर लगे टेग के जरिए परिजनों से समझाइश कर शांत किया। उसके बाद परिजन डीएनए के लिए अड़े रहे। अस्पताल प्रशासन ने फुट प्रिंट की पहचान परिजनों को बताया। फुट प्रिंट सही मिलने के बाद परिजन मान गए।