बजट कम हो गया चॉकलेट की दुकानों के संचालकों के अनुसार शहर में इम्पोर्टेड और एक्सक्लूजिव चॉकलेट का चलन कम था। बाद में यह चलन शुरू हुआ तो अब जीएसटी से दो महीने में ही चलन एकदम बंद सा हो गया है। चॉकलेट की प्रमुख दुकानों पर जहां पहले 5 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए कीमत वाली चॉकलेट मिलती थीं, वहीं अब ग्राहक अधिकतम 200-300 रुपए वाली चॉकलेट की डिमाण्ड कर रहे हैं।
इस बार गिफ्ट पैक की मांग कम
विक्रेताओं के अनुसार यंू तो काफी समय से चॉकलेट बाजार में बिक रही हैं, लेकिन 5-7 बरसों में स्वदेशी के साथ एक्सक्लूजिव चॉकलेट का चलन बहुत ज्यादा बढ़ा था और एक नया टे्रंड बना था। यही वजह है कि चॉकलेट मिठाइयों को टक्कर दे रही थीं। शुभ अवसरों व त्योहारों पर बच्चे मिठाई से ज्यादा चॉकलेट को तरजीह देने लगे। दीपावली, रामा-श्यामा, भाई-बहन से जुड़ा भाईदूज, रक्षाबंधन और अन्य त्योहारों पर चॉकलेट ज्यादा पसंद की जाने लगीं और गिफ्ट पैक की खूब मांग रहती थी। अब गिफ्ट पैक की मांग कम हो गई है। संचालकों ने बताया कि मार्केट में भारतीय ब्रांड के अलावा स्विट्जरलैण्ड, अमरीका, मलेशिया और तुर्की के ब्रांड सहित कई देशों की चॉकलेट पसंद की जा रही थीं। जीएसटी की वजह से इनकी मांग कम हो गई।
विक्रेताओं के अनुसार यंू तो काफी समय से चॉकलेट बाजार में बिक रही हैं, लेकिन 5-7 बरसों में स्वदेशी के साथ एक्सक्लूजिव चॉकलेट का चलन बहुत ज्यादा बढ़ा था और एक नया टे्रंड बना था। यही वजह है कि चॉकलेट मिठाइयों को टक्कर दे रही थीं। शुभ अवसरों व त्योहारों पर बच्चे मिठाई से ज्यादा चॉकलेट को तरजीह देने लगे। दीपावली, रामा-श्यामा, भाई-बहन से जुड़ा भाईदूज, रक्षाबंधन और अन्य त्योहारों पर चॉकलेट ज्यादा पसंद की जाने लगीं और गिफ्ट पैक की खूब मांग रहती थी। अब गिफ्ट पैक की मांग कम हो गई है। संचालकों ने बताया कि मार्केट में भारतीय ब्रांड के अलावा स्विट्जरलैण्ड, अमरीका, मलेशिया और तुर्की के ब्रांड सहित कई देशों की चॉकलेट पसंद की जा रही थीं। जीएसटी की वजह से इनकी मांग कम हो गई।