गांवों में हालत
अब ग्रामीण क्षेत्रों की हालत तो यह है कि वहां एम्बुलेंस लगातार १४ दिन तक ऑफ रोड रहने लगी है। इनमें कुछ एंबुलेंस तो एेसी हैं जो लगातार १४ ऑफ रोड रहने के बाद १५वें दिन चालू हो जाती है। एंबुलेंसों के लगातार ऑफ रोड होने की पुष्टि श्यामसुंदर साद से आरटीआई में प्राप्त हुए दस्तावेजों के आधार पर हुई है।
अब ग्रामीण क्षेत्रों की हालत तो यह है कि वहां एम्बुलेंस लगातार १४ दिन तक ऑफ रोड रहने लगी है। इनमें कुछ एंबुलेंस तो एेसी हैं जो लगातार १४ ऑफ रोड रहने के बाद १५वें दिन चालू हो जाती है। एंबुलेंसों के लगातार ऑफ रोड होने की पुष्टि श्यामसुंदर साद से आरटीआई में प्राप्त हुए दस्तावेजों के आधार पर हुई है।
१ से १५ जनवरी तक की रिपोर्ट
जिले की २० एंबुलेंस१ से १५ जनवरी तक ऑफ रोड रही। इसमें १०८, १०४ और बेस एंबुलेंस शामिल है। इसके तहत बालेसर और भोलपालगढ़ ब्लॉक की बेस एंबुलेंस, मंडोर ब्लॉक की १०४ एंबुलेंस १५ दिनों से ऑफ रोड थी। जबकि बाप ब्लॉक की १०४, लोहावट ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस १४ दिन तक ऑफ रोड रही। इसी तरह आऊ ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस भी १० दिन तक इंजन में खराबी के चलते बंद पड़ी रही। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि धुंधाड़ा ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस २३ नवंबर २०१७ से अभी तक ऑफ रोड पड़ी है। दुघर्टनाग्रस्त होने के बाद इसे अभी तक ठीक नही करवाया गया है।
जिले की २० एंबुलेंस१ से १५ जनवरी तक ऑफ रोड रही। इसमें १०८, १०४ और बेस एंबुलेंस शामिल है। इसके तहत बालेसर और भोलपालगढ़ ब्लॉक की बेस एंबुलेंस, मंडोर ब्लॉक की १०४ एंबुलेंस १५ दिनों से ऑफ रोड थी। जबकि बाप ब्लॉक की १०४, लोहावट ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस १४ दिन तक ऑफ रोड रही। इसी तरह आऊ ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस भी १० दिन तक इंजन में खराबी के चलते बंद पड़ी रही। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि धुंधाड़ा ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस २३ नवंबर २०१७ से अभी तक ऑफ रोड पड़ी है। दुघर्टनाग्रस्त होने के बाद इसे अभी तक ठीक नही करवाया गया है।
पूरे महीने नहीं दौड़े ६ एंबुलेंस के पहिए
पिछले साल दिसंबर की रिपोर्ट तो काफी चौंकाने वाली है। दिसंबर में छह एंबुलेंस तो पूरे महीने खड़ी रही। इसमें बालेसर व भोपालगढ़ ब्लॉक की बेस एंबुलेंस मेंटनेंस के चलते ऑफ रोड रही। बिलाड़ा, लूणी, मंडोर और फलोदी ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस दुघर्टनाग्रस्त होने के कारण पूरे महीने चली ही नहीं। क्लच प्लेट की समस्या के चलते फलोदी ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस १९ दिन नहीं चली। इसी ब्लॉक की दो अन्य एंबुलेंस भी ८ और ९ दिन से इसलिए अटकी रहीं, क्योंकि इनमें बैटरी और ब्रेक जैसी मामूली समस्या थी।
पिछले साल दिसंबर की रिपोर्ट तो काफी चौंकाने वाली है। दिसंबर में छह एंबुलेंस तो पूरे महीने खड़ी रही। इसमें बालेसर व भोपालगढ़ ब्लॉक की बेस एंबुलेंस मेंटनेंस के चलते ऑफ रोड रही। बिलाड़ा, लूणी, मंडोर और फलोदी ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस दुघर्टनाग्रस्त होने के कारण पूरे महीने चली ही नहीं। क्लच प्लेट की समस्या के चलते फलोदी ब्लॉक की १०८ एंबुलेंस १९ दिन नहीं चली। इसी ब्लॉक की दो अन्य एंबुलेंस भी ८ और ९ दिन से इसलिए अटकी रहीं, क्योंकि इनमें बैटरी और ब्रेक जैसी मामूली समस्या थी।
स्टाफ का पैसा बचाने की जुगत सूत्रों की मानें तो ठेका कंपनी जीवीके ईएमआरआई स्टाफ का पैसा बचाने की जुगत में है। इसलिए बेस एंबुलेंस मेंटनेंस में बता ऑफ रोड दर्शा रही है। हैंडओवर प्रक्रिया से पहले इन बेस एंबुलेंसों को सरकारी अस्पताल चला रहे थे। जो एकदम नई थी।
यूं समझें कंपनी को हुए फायदे की गणित १. पहले एक दिन एंबुलेंस ऑफ रोड रखने पर ठेका कंपनी के बिल में प्रतिदिन की औसत से ३७५० रुपए की कटौती होती थी।
अब सरकार व ठेका कंपनी के बीच हुए एमओयू के बाद इसमें शिथिलता ला दी गई। अब १४ दिन एंबुलेंस ऑफ रोड रहने पर भी पेनल्टी नहीं लगती और १५ दिन पूरे होने के बाद भी दस हजार रुपए की ही पेनल्टी लगती है।
अब सरकार व ठेका कंपनी के बीच हुए एमओयू के बाद इसमें शिथिलता ला दी गई। अब १४ दिन एंबुलेंस ऑफ रोड रहने पर भी पेनल्टी नहीं लगती और १५ दिन पूरे होने के बाद भी दस हजार रुपए की ही पेनल्टी लगती है।
२. पहले ठेका कंपनी को मेंटनेंस, कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्चों को मिलाकर प्रतिमाह प्रति एंबुलेंस एक लाख १२ हजार ५०० रुपए मिलते थे। अब सरकार से एमओयू के बाद मेंटनेंस का खर्चा, कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्चे मिलाकर अब ठेका कंपनी को प्रतिमाह प्रति एंबुलेंस डेढ़ लाख रुपए मिल रहे हैं।
३. पहले ठेका कंपनी को प्रतिदिन प्रति एंबुलेंस पर पांच केस लेना अनिवार्य था। यानि हर महीने प्रत्येक एंबुलेंस को १५० केस पूरे नहीं करने पर २० हजार रुपए तक की पेनल्टी लगती थी।
अब सरकार ने नए एमओयू के बाद ठेका कंपनी पर से केस अटेंड करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। अब कोई पैनल्टी नहीं है।
अब सरकार ने नए एमओयू के बाद ठेका कंपनी पर से केस अटेंड करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। अब कोई पैनल्टी नहीं है।