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शिक्षकों की जीवटता को दिखाती हकीकत… इन विषमताओं के बाद भी जोधपुर के ये गुरू झोंक रहे समर्पण

locationजोधपुरPublished: Sep 05, 2017 02:11:00 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

शिक्षकों की जीवटता को दिखाती हकीकत

teachers day special

teachers day special

ये महज एक चित्र नहीं है, शिक्षकों की जीवटता को दिखाती हकीकत है, एक तरफ जहां हमारे जोधपुर शहर में एम्स और आईआईटी जैसे संस्थान है। दूसरी तरफ जोधपुर की सरकारी स्कूलों की हालत अभी तक बेकार है। चौपासनी सूथला स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सरदारपुरा सूथला में कक्षा कक्ष की कमी के कारण कई विद्यार्थी आज भी जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं, वहीं यहां के गुरुजी बगैर धूप व छांव की फिक्र किए बच्चों को शिक्षा देते हैं। हालांकि शिक्षा अधिकारी दावा कर रहे हैं कि स्कूल को जल्द अन्यत्र जगह शिफ्ट किया जाएगा। उसके बावजूद हम तो यही कहेंगे कि तस्मै श्री गुरुवे नम:।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चौपासनी चारणान के प्रधानाचार्य हिम्मतसिंह रतनू ने कार्यग्रहण करते ही विद्यालय की दुर्दशा को संवारने का बीड़ा उठाया था। स्कूल में 25 जुलाई 2015 को कार्यभार ग्रहण करने वाले रतनू ने सर्वप्रथम शैक्षिक वातावरण को सुधारने का बीड़ा उठाया था। शुरू से खुद को शिक्षा के समर्पण में झोंक चुके रतनू के स्कूल का गत दो वर्षों से बोर्ड परिणाम शत प्रतिशत रहा है। वे दिवाली और सर्दी की छुट्टियों में भी निरंतर कक्षाएं लगाते हैं। स्कूल में भामाशाहों के सहयोग तीन लाख रुपए से अधिक का कार्य करवा चुके हैं।
चार वर्षों से रख रहे शत प्रतिशत परिणाम


राजकीय अंध विद्यालय वरिष्ठ अध्यापक रामचंद्र अंध विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रहे है। स्कूल में अध्ययनरत 50 बच्चों को रामचंद्र बेहतरीन शिक्षा देने के साथ-साथ संगीत में भी पारंगत करते है। उनके व्यवहार से निरंतर कई सालों से विद्यालय का परिणाम भी शत प्रतिशत रहता आया है। रामचंद्र कड़ेला और शेष स्कूल का स्टाफ विद्यार्थियों की रुचि देख उन्हें उस क्षेत्र पारंगत बनाता है। विशेषकर विद्यार्थी जिस क्षेत्र में खुद को कमजोर समझते है, उसी क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए रामचंद्र सदैव अंध विद्यार्थियों के प्रेरणादायक रहे है।
छुट्टियों में आकर स्कूल को बनाया कलरफुल


राजकीय उत्कृष्ठ उच्च प्राथमिक विद्यालय रामनगर पंचायत समिति मंडोर के अध्यापक रघुनाथ विश्नोई ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में 40 दिन आकर संपूर्ण विद्यालय की 600 फिट चारदीवारी व गैलेरी को नॉलेज वॉल के रूप में स्वयं चित्रकारी करके विकसित किया। पानी की कमी के बावजूद मटका विधि से संपूर्ण विद्यालय परिसर को हरा-भरा बनाया। उनका ध्येय है कि शिक्षा तो वे बच्चों को दे रहे है, लेकिन सुंदर और स्वच्छ वातावरण देना भी एक गुरु का दायित्व है। विश्नोई ने विद्यालय में भामाशाहों को लाकर वाटर कूलर, फिल्टर मशीन, वाटर मोटर, हारमोनियम व ढोलक आदि कई सामान भी विद्यालय में एकत्रित करवाए।
खुद की स्कूल में बढ़ाया नामांकन


चौहाबो द्वितीय पुलिया स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिवांची गेट के प्रिंसिपल हिम्मतसिंह तंवर ने इस साल अपने विद्यालय में सबसे अधिक नामांकन का लक्ष्य हासिल किया है। हिम्मतसिंह व उनकी टीम ने अपने विद्यालय में 1225 विद्यार्थी जोड़े। इनमें वे भी विद्यार्थी शामिल है, जिनके परिवार से आज तक कोई स्कूल नहीं गया। इस साल हिम्मतसिंह की स्कूल में सभी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 80 प्रतिशत से अधिक रहे है। उनके विद्यालय में बाकायदा निजी की तरह सेक्शन से क्लासें संचालित होती है। वे इसका श्रेय अपनी टीम को देते है।
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