जोधपुर

video : इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दिन हैं, कहीं देर न हो जाए!

यह वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है। इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दिन हैं। क्या आपने रिटर्न भर दिया है? क्या आपने फॉर्म 16 भर दिया है ?

जोधपुरMar 11, 2018 / 06:11 pm

M I Zahir

Income tax department jodhpur


आपने अभी तक इनकम टैक्स के दस्तावेज की कार्यवाही नहीं की है तो अब कर लीजिए। वक्त बहुत कम रह गया है। समय पर जानकारी न देने, गलत जानकारी या अधूरे दस्तावेज के कारण आपको नुकसान हो सकता है। समय मत गंवाइए। सुस्ती और लापरवाही छोडि़ए और पहली फुर्सत में इनकम टैक्स के कागजात अटैच कीजिए।
 

कुछ खास बातें ध्यान रखने की जरूरत

आयकर विभाग के मुताबिक इस बार आपको कुछ खास बातें ध्यान रखने की जरूरत है। मसलन यदि अगर आपने वित्तीय वर्ष 2016-2017 और 2017-2018 का आयकर रिटर्न अब तक नहीं भरा है या संशोधित करना चाहते हैं तो यह काम फौरन कर लें। क्यों कि तय समय सीमा के बाद आप आपको आर्थिक हानि हो सकती है। इधर 31 मार्च, 2018 आखिरी तारीख नजदीक है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट समय पर या बिल्कुल भी रिटर्न न भरने वाले पेशेवरों को एसएमएस, मेल आदि के जरिये बार बार इत्तला कर रहा है। हालांकि इससे घबराने ,डरने या हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है। बस जरा सा ध्यान रखने की जरूरत है।
 

रिटर्न भरते वक्त यह ध्यान रखें

इनकम टैक्स महकमे के अनुसार रिटर्न बहुत सूझबूझ और सावधानी के साथ भरें ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी पेश न आए। आपको रिटर्न भरते वक्त यह ध्यान रखना है कि कोई भी आवश्यक कागज संलग्न होने से न रह जाए। यदि आपने नोटबंदी के दौरान अगर दो लाख रुपए या उससे अधिक नकद बैंक या लोन खाते में जमा किया है तो इस बात का ब्योरा रिटर्न में जरूर दें। यदि यह रकम घोषित आय से अलग है तो इसे संबंधित वर्ष की कर योग्य आय में जोडऩा जरूरी है और टैक्स अदा करना ही होगा। आप वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 का रिटर्न संशोधित भी कर सकते हैं। वरना उस रकम का संबंधित वित्त वर्ष नहीं बताने पर 60 फीसद की दर से ब्याज या जुर्माना भरना पड़ेगा।
 

ब्लैक और व्हाइट मनी के फेर में न पड़ें, रिटर्न भरें

आयकर विभाग के अनुसार आप एक अच्छे नागरिक और आयकर दाता होने का सुबूत दें। जिस करदाता ने पीएम जीकेवाई योजना नहीं चुनी और अपनी ब्लैक मनी का रिटर्न में जिक्र किया है तो वह पूरा टैक्स अदा करना ही होगा और 77.25 फीसदी की दर से जुर्माना भरना होगा। यदि आपने रिटर्न में इसका जिक्र नहीं किया और स्क्रूटनी में पकड़े गए तो आपको कर और जुर्माना ८३.२५ फीसदी की दर से भरना होगा। एेसा होने पर कार्रवाई सार्वजनिक होती है और आपको बदनामी भी झेलनी पड़ती है। अगर छापे में इसका खुलासा होता है तो १०७.२५/१३७.२५ फीसदी की दर से कर और जुर्माना लगेगा।
 

बस जरा यह भी ख्याल रखें

आयकर विभाग के मुताबिक आप इनकम टैक्स के कागजात भरते समय सभी जरूरी जानकारियां अवश्य दें। मसलन परिसंपत्ति और कर्ज की जानकारी अगर आय ५० लाख से अधिक है। इसके साथ ही अगर विदेश में खाता है या कोई संपत्ति तो जानकारी देना जरूरी है। यही नहीं, आप रिटर्न का सत्यापन/ई सत्यापन करना न भूलें। अगर समय रहते इसे सत्यापित नहीं किया तो वह अमान्य हो जाएगा और रिफंड में देर होगी तो मुश्किल होगी। रिटर्न वक्त पर न भरने पर जुर्माना लग सकता है। हां एक बात और, अगर कोई एरियर मिला है तो अनुच्छेद ८९(१) के तहत कर छूट की मांग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको फार्म १०ई भरना होगा। नियम में किया गया है बदलाव इनकम टैक्स विभाग के अनुसार आयकर की धारा 139(4) देर से रिटर्न फाइल करने से जुड़ी है। इसमें बदलाव किया गया है।
यह कहता है अब विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न

वित्त वर्ष की अंतिम तारीख से 12 महीने खत्म होने तक या उससे पहले ही फाइल किए जा सकते हैं। यानी पहले 24 महीने की तुलना में अब विलंबित रिटर्न फाइल करने के लिए 12 महीने का ही वक्त मिलेगा। नोटबंदी की वजह से खास है यह रिटर्न आप अपने सनदी लेखाकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट से जल्दी संपर्क करें। सनदी लेखाकार के अनुसार बीते दो वित्तीय वर्ष बैंक खातों से आधार लिंक और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार के गवाह रहे हैं। लिहाजा ये आयकर रिटर्न और भी खास हो जाते हैं। इस दौरान खातों में यदि बड़ी धनराशि का लेनदेन हुआ है तो वह सभी आयकर विभाग की निगाह में है। ऐसे में रिटर्न भरने में लापरवाही पर लोगों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
-एम आई जाहिर

 

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