scriptहवस, हैवानियत और हाथापाई का कॉकटेल, जानें कब कब देवता से दानव बन गए डॉक्टर्स | video: Doctors Fight Inside OT Doctor Molestation Cases in India | Patrika News
जोधपुर

हवस, हैवानियत और हाथापाई का कॉकटेल, जानें कब कब देवता से दानव बन गए डॉक्टर्स

डॉक्टर्स होते हैं भगवान, लेकिन बन जाते हैं कभी कभी हैवान… खास रिपोर्ट में देखिए डॉक्टर्स की हैवानियत
 

जोधपुरOct 07, 2017 / 06:22 pm

Nidhi Mishra

Doctors Fight Inside OT Doctor Molestation Cases in India

Doctors Fight Inside OT Doctor Molestation Cases in India

डॉक्टर साब के पास इस उम्मीद में लोग पहुंचते हैं कि वे ठीक हो जाएंगे। आमतौर पर हम किसी और का कहा मानें या ना मानें, लेकिन एक डॉक्टर की बात जरूर मानते हैं। सबसे अहम तो ये है कि हम उस डॉक्टर पर आंख बंद कर भरोसा भी करते हैं। विश्वास का दूसरा नाम मानकर डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि भगवान के दिए शरीर को स्वस्थ रखने में वे हमारी मदद करते हैं, लेकिन हाल ही में देश में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां डॉक्टर्स खुद को भगवान तो छोड़ो, इंसान भी साबित नहीं कर पा रहे हैं। राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम की इस विशेष रिपोर्ट में हम आपको बता रहे हैं कि चिकित्सकों को भगवान समझकर लोगों ने कब कब और किस तरह उनकी हैवानियत और दानवता देखी…
केस 1:

डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित उम्मेद अस्पताल में 29 अगस्त की सुबह एक गर्भवती महिला के ऑपरेशन के दौरान दो डॉक्टर आपस में झगड़ पड़े। गर्भस्थ शिशु की धड़कन कम होने की वजह से यह एक इमरजेंसी ऑपरेशन था। गर्भवती अनिता पत्नी संदीप का पेट खुला (चीरा लगा) था और ऑपरेशन चल रहा था। इधर, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक नैनवाल और निषेचतना विशेषज्ञ डॉ. एमएल टाक आपस में तू-तू मैं-मैं कर रहे थे। कमी सिर्फ इतनी ही रह गई थी कि उन्होंने एक-दूसरे पर हाथ नहीं उठाया। आधे घण्टे की गर्मागर्मी के दौरान ओटी में अन्य डॉक्टर तमाशा देख रहे थे। ऑपरेशन के कुछ देर बाद धड़कन कम होने के कारण नवजात ने दम तोड़ दिया। उस नवजात की मां काफी दिन अस्पताल में भर्ती रही।
ओटी में ही मौजूद एक अस्पतालकर्मी ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होते ही मेडिकल कॉलेज ने प्राथमिक तौर पर दोनों डॉक्टरों को हटा दिया। डॉ. टाक को एमडीएम अस्पताल भेज दिया। साथ ही मामले की पूरी जांच के लिए कमेटी गठित की। कॉलेज ने अनुशासनहीनता का मामला बना कर सरकार को कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट भी भेजी थी। देर रात डॉ. नैनवाल बर्खास्त, डॉ.टाक जयपुर तलबराज्य सरकार ने देर रात मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अशोक नैनवाल को बर्खास्त कर दिया। डॉ. नैनवाल अर्र्जेंट टैम्परेरी बेस पर कार्यरत थे। उधर प्रोफेसर एमएल टाक की फाइल कार्मिक विभाग भेजी गई थी। मेडिकल कॉलेज ने डॉ.नैवाल को रात को ही रिलीव कर दिया। डॉ. टाक को जयपुर तलब किया गया।
केस 2:

निजी क्लिनिक में 6 अक्टूबर को कथित चिकित्सक द्वारा इलाज के बहाने युवतियों से छेड़छाड़ व अस्मत से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। इससे जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया। यह वीडियो अपर चौपासनी रोड पर शॉपिंग मॉल के सामने स्थित क्लिनिक के बताए जाते हैं। इसके दो वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो शहरवासियों के साथ-साथ क्लिनिक के आस-पास के लोग सकते में आ गए। शिवसेना ने देर शाम पुलिस स्टेशन प्रतापनगर में कथित चिकित्सक के खिलाफ लिखित शिकायत दी।
जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर शुक्रवार को दो वीडियो वायरल हुए। यू-ट्यूब के साथ ही व्हॉट्सऐप पर वायरल हो गए। इनमें एक कथित चिकित्सक दो युवतियों को क्लिनिक के अंदर बने चैम्बर में जांच के बहाने ले जाता है और छेड़छाड़ करता नजर आ रहा है। तीन-तीन मिनट से अधिक समयावधि वाले दोनों वीडियो में कथित चिकित्सक युवती से जबरदस्ती करता रहा। इसके बाद पहले चिकित्सक और फिर युवती चैम्बर का गेट खोलकर बाहर निकल जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार यह वीडियो न्यू कोहिनूर के सामने स्थित निजी क्लिनिक के बताए जाते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद शिव सेना व हिन्दी जागरण मंच के पदाधिकारी सक्रिय हो गए। शिवसेना के जिला प्रमुख सम्पत पूनिया व अन्य कार्यकर्ता देर शाम प्रतापनगर थाने पहुंचे और कथित चिकित्सक के खिलाफ लिखित शिकायत दी। हालांकि पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।
कथित चिकित्सक गायब
वीडियो वायरल होने के बाद क्लिनिक के बाहर भीड़ जमा हो गई। चिकित्सक वहां से नदारद हो गया। काफी देर तक मरीज भी उसका इंतजार करते रहे। बाद में वो भी निकल गए। भीड़ का पता लगने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची।
केस 3:

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 व 11 अगस्त को हुई ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत प्रकरण में एक और पीडि़त ने तहरीर दी। खजनी के जितेंद्र ने डॉ सतीश के खिलाफ ऑनलाइन व डाक से तहरीर भेज पत्नी व नवजात की मौत का जिम्मेदार बताया है। इससे डॉ सतीश पर प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि हुई। आपको बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र गोरखपुर के सरकारी अस्पताल बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा नवजातों की ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत हो गई थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बर्खास्त किया गया था।
केस 4:
बाड़मेर के राजकीय जिला चिकित्सालय में एक चिकित्सक ने उपचार करवाने आई एक महिला को कई थप्पड़ जड़ दिए। ये महिला बाल काटने के बाद बेहोश हो गई थी और परिजन उसे इलाज के लिए ले आए थे। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया था। देश भर से इस मामले में कई प्रतिक्रियाएं आईं थीं।
पहले भी हुआ है ऐसा

– शास्त्रीनगर निवासी ईश्वरीदेवी अपने बेटे लक्की के पेटदर्द का उपचार करवाने डॉ. सुरेन्द्र बाहरी के पास पहुंची। यहां चिकित्सक ने जांच की। बाद में किशोर ने कह दिया कि दर्द असहनीय हो रहा है। अब जल्द ही कुछ उपचार करो। किशोर के इतना कहने पर अचानक डॉ. बाहरी ने उसे थप्पड़ मार दिया। पास में खड़े लोग यह देख अचंभित हो गए। कई लोगों ने इस पर विरोध जताया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला कलक्ट्रेट में शिकायत लेकर पहुंची लेकिन वहां भी उसे टरका दिया।
– इसी चिकित्सक ने करीब दो महीने पहले उपचार को आई एक महिला के थप्पड़ मार दिया। मामला बढ़ा तो चिकित्सक ने कहा कि महिला के उपचार के लिए उन्होंने थप्पड़ मारा था। शिकायत जिला कलक्टर तक पहुंची लेकिन तत्कालीन जिला कलक्टर ने चिकित्सक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
– जटियों का वास निवासी एक महिला और युवक कुछ माह पूर्व उपचार को पहुंचे थे। इसी चिकित्सक ने युवक के थप्पड़ जड़ दिया तो जवाब में महिला ओर मौहल्ले के लोगों ने चिकित्सक के साथ भी मारपीट कर दी थी। मामला समझाइश कर रफा दफा किया गया।
– राजकीय जिला चिकित्सालय के एक चिकित्सक कुछ माह पूर्व गैलेरी से गुजर रहे थे। इस चिकित्सक को पता नहीं क्या हुआ और चिकित्सक के साथ मारपीट शुरू कर दी। सामने वाला चिकित्सक भी भिड़ गया। फिर स्टाफ ने मिलकर मामला सुलझा दिया।

Home / Jodhpur / हवस, हैवानियत और हाथापाई का कॉकटेल, जानें कब कब देवता से दानव बन गए डॉक्टर्स

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो