शनिवार की छुट्टी होने के कारण मेले में ज्यादातर महिलाएं व बच्चे ही नजर आ रहे थे। जब आग लगी तब करीब 10 हजार के आस पास लोग इस परिसर में मौजूद थे। वहीं आवश्यक इंतजामात की कमी के चलते यहां महिलाओं व बच्चों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आग लगने के बाद यहां भगदड़ मच गई। लोगों को बड़ी मुश्किल से काबू किया जा सका। छोटे बच्चे रोने लगे। महिलाएं डर गईं। मेले में आग के तांडव के साथ ही दहशत भी फैल गई।
आयोजकों की लापरवाही से लगी आग -पूरे मेले में कहीं भी फायर सेफ्टी उपकरण मौजूद नहीं थे।
-पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं यहां नहीं की गई थी। -आपातकालीन प्रबंधन भी ना के बराबर थे।
-इतने बड़े मेले में प्रवेश और निकास के लिए केवल दो ही रास्ते हैं। इनमें भी स्टॉल्स की वजह से कई रुकावटें हैं।
-पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं यहां नहीं की गई थी। -आपातकालीन प्रबंधन भी ना के बराबर थे।
-इतने बड़े मेले में प्रवेश और निकास के लिए केवल दो ही रास्ते हैं। इनमें भी स्टॉल्स की वजह से कई रुकावटें हैं।
-शहर में चर्चा रही कि मेला कुछ लोगों की राजनीति चमकाने और मंत्री तक अप्रोच हासिल करने का जरिया है।
– सूत्रों के अनुसार पार्टी विशेष के चहेतों को फ्री स्टॉल आवंटित की गई। -मेले में करोड़ों का कलेक्शन हुआ, लेकिन कभी हिसाब सार्वजनिक नहीं किया गया।
– सूत्रों के अनुसार पार्टी विशेष के चहेतों को फ्री स्टॉल आवंटित की गई। -मेले में करोड़ों का कलेक्शन हुआ, लेकिन कभी हिसाब सार्वजनिक नहीं किया गया।