video : जोधपुर नगर निगम के साथ सरकार का यह सौतेलापन, कैसे जानिए ?
राजस्थान की भाजपा सरकार भाजपानीत जोधपुर नगर निगम को बजट देने के मामले में सौतेलापन कर रही है। शनिवार को
बोर्ड की बजट है।
केंद्र व राज्य में भले ही कड़ी से कड़ी जुड़ गई हो लेकिन नगर निगम अनुदान राशि को तरस रहा है। राज्य का दूसरा बड़ा शहर होने के बावजूद मात्र २०० करोड़ ही निगम को सरकार से मिल रहे हैं, जबकि खर्च करीब ७०० करोड़ होता है। सरकार जयपुर निगम को १५०० करोड़ का अनुदान देती है, जबकि जोधपुर को दिए जाने वाला अनुदान प्रतिव्यक्ति सालाना २०० रुपए भी नहीं पड़ता। शहर के पिछड़ते विकास को लेकर विपक्ष ने निगम के वर्तमान बोर्ड को घेरने की तैयारी भी कर ली है। महापौर को कांग्रेस के पार्षदों ने शनिवार को घेरने की तैयारी की है। शनिवार को नगर निगम का बजट पेश किया जाएगा।
तैयारी तो खूब की है
महापौर सहित वित्तीय सलाहकारों व मुख्य लेखाकारों सहित अन्य लोगों ने मिलकर बजट तैयार कर लिया है। महापौर घनश्याम ओझा ने बताया कि वित्तीय वर्ष २०१८-१९ का निगम का बजट १० फरवरी सुबह ११ बजे निगम सभागार में पेश किया जाएगा। बैठक में संशोधित वित्तीय स्वीकृतियों और भवन विनिमय संशोधन पर भी चर्चा की जाएगी।
कम पड़ रही राशि
निगम की मानें तो राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि निगम के लिए पहले ही कम पड़ रही है। निगम को २०० करोड़ मिल रहे हैं, लेकिन उसका खर्चा इससे कहीं ज्यादा है। इस राशि के अनुसार शहर की करीब १५ लाख की आबादी पर प्रति व्यक्ति २०० रुपए ही पड़ता है। मुख्य खर्च के बाद इस राशि में से मात्र ३० करोड़ ही शहर के विकास के लिए बचते हैं। साथ ही निगम संभावित आय का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा। एेसे में विकास की घोषणाएं खोखली ही साबित हो रही हैं।
चुंगी राशि भी कम
निगम को मिलने वाली चुंगी भरण राशि भी निगम कर्मचारियों के वेतन के लिए कम पड़ रही है। राज्य सरकार ६०० रुपए प्रति व्यक्ति चुंगी की राशि दे रही है। सालाना १०० करोड़ वेतन में ५० करोड़ रुपए सफाई व्यवस्था, मजदूर भुगतान पर व २० करोड़ रुपए नांदड़ी गोशाला पर खर्च करता है। एेसे में निगम के पास खर्च ज्यादा व आय कम है।
कांगे्रस इन मुद्दों पर करेगी विरोध
कांग्रेस के पार्षदों ने बजट से पूर्व शुक्रवार को निगम में प्रतिपक्ष नेता के कमरे में उप नेता गणपतसिंह चौहान के नेतृत्व में बैठक की, जिसमें निर्णय किया गया कि बजट के दौरान भाजपा बोर्ड को घेरा जाएगा। चौहान ने कहा कि पूर्व में हुई घोषणाओं का अब तक बुरा हाल है।
पिछले बजट की महत्वपूर्ण घोषणाएं
- अमृत योजना के लिए 10,500 लाख रुपए का प्रावधान। इसमें से 7500 लाख रुपए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से और 3000 लाख रुपए निगम की ओर से व्यय किए जाएंगे।
- अमृत योजना में 77.30 करोड़ से सीवरेज कार्य, 10 करोड़ से बरसाती नाले का निर्माण, 2.50 करोड़ से उम्मेद उद्यान का विकास करने, 20 करोड़ से जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार के कार्य करवाए जाएंगे।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत 50 करोड़ सांसद, विधायक व पार्षद कोटे से 30 करोड़ के कार्य करवाए जाएंगे।
- सड़क, नाली और सीवरेज के लिए 30 करोड़ रुपए।
-नई सड़कों के निर्माण के लिए 50 करोड़।
- सीवरेज ड्रेनेज के लिए 20 करोड़।
- गांधीनगर आवासीय योजना में विकास के लिए 20 करोड़।
-अन्य निर्माण कार्यों के लिए 30 करोड़।
-ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 10 करोड़।
पिछले बजट में संभावित आय की हकीकत
लक्ष्य - हकीकत
१५ करोड़ भवन निर्माण अनुमति से--- ९ करोड़
८ करोड़ साइन विज्ञापन बोर्ड नीलामी से--- ३ करोड़
५० करोड़ शहर के अन्य भूखंडों की नीलामी से ----- ३० करोड़
२० करोड़ भू उपयोग परिवर्तन से ------ १२ करोड़
४० करोड़ चौथे वित्त आयोग से अनुदान राशि--- १५ करोड़
१० करोड़ नई उपविधियों के तहत होटल की योजना कागजों में।
२० करोड़ गांधी आवासीय योजना के भूंखड नीलामी से ---कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।
४० करोड़ पांचवें वित्त आयोग से --- २० करोड़
३० करोड़ नगरीय विकास कर से ---- ७ करोड़
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पूर्व की घोषणाएं भी पूरी नहीं हुईं
महापौर ने पूर्व में जो घोषणाएं कीं, वह पूरी नहीं हुई। पिछली बार वार्डों में ८० लाख के विकास कार्य की घोषणा की थी और १५ लाख पार्कों के विकास पर खर्च करने की घोषणा थी। पांच लाख पेयजल समस्या को लेकर देने की घोषणा की थी, लेकिन कोई राशि नहीं दी गई। राज्य सरकार व केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही। यह बोर्ड विकास कार्य कैसे करवाए? पांचवें वेतन आयोग के १५ करोड़ मिलने थे, राज्य सरकार ने वह भी सड़क कार्यों के लिए इश्यू कर दिए।
- गणपतसिंह चौहान, उप नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम जोधपुर
विकास को समर्पित रहेगा बजट
नगर निगम का यह बजट शहर के विकास को समर्पित रहेगा। पिछली बार से कुछ बढ़ाकर ही प्रस्तुत किया जाएगा। इस बार बजट ७०० करोड़ के लगभग रहेगा।
-घनश्याम ओझा, महापौर, नगर निगम जोधपुर
इन मार्गों के ये नाम होंगे प्रस्तावित
१.फतहपोल से नवचौकिया - घनश्याम छंगाणी बाबूजी मार्ग।
२.गोल बिल्डिंग चौराहे से मेहता भवन - राजकुमार ओझा मार्ग।
३. सेंट्रल एकेडमी से १७- ई सेक्टर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड - ओमप्रकाश मूथा मार्ग।
४. हेमू कॉलोनी चौराहे से तातेड़ भवन- दीनानाथ मिश्र मार्ग।
५. सर्राफा बाजार से घंटाघर - हनवंतचंद भंसाली मार्ग।
६. अभयडेज होटल से रेलवे लाइन- मनोहर डागा मार्ग।
७. रिक्तिया भैरूजी से भगत की काठी- प्रभुदयाल धाबाई मार्ग।
८. महेंद्र अरोड़ा सर्किल से रातानाडा सर्किल- महाकवि माघ मार्ग।
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