अभियोजन अधिकारी ने दलीलों में वर्ष 1998 में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान उम्मेद भवन में सलमान के कमरे से हुई बरामदगी, चश्मदीद गवाह पूनमचंद द्वारा वन विभाग अधिकारी ललित बोडा़ को दिए बयान, शिकार मामले में इस्तेमाल की गई जिप्सी की एफएसएल रिपोर्ट आदि साक्ष्य पर बहस की। करीब दो घंटे चली बहस अधुरी रही। मामले की अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी। इसी दिन बचाव पक्ष की ओर से बहस होगी। बहस के दौरान सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत, सैफ अली, नीलम तथा सोनाली बेंद्रे व तब्बू के अधिवक्ता सहित विश्नोई समाज की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता महिपालसिंह विश्नोई भी उपस्थित थे।
19 साल पहले शुरू हुई शूटिंग का शुरू हुआ क्लाईमेक्स सीन फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान वर्ष 1998 में सलमान के खिलाफ कांकाणी हिरण शिकार मामले में दायर मामले की अंतिम बहस बुधवार को सीजेएम ग्रामीण की अदालत में शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस शुरू करते हुए लोक अभियोजक भवानी सिंह ने दलील दी कि चश्मदीद गवाह पूनमचंद का बयान सलमान के सामने हुआ था। उसने बहुत नजदीक से सलमान को शिकार करते देखा था और यह बात उसने कोर्ट में भी स्वीकार की थी। बहस समयाभाव के कारण पूरी नहीं हो सकी व आगे जारी रहेगी।
आज से 19 वर्ष पहले फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्म स्टार सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, व सोनाली बेंद्रे सहित अन्य के खिलाफ पहले मीडिया में प्रकाशित समाचारों के अनुसार शूटिंग स्थल के आस-पास हिरणों का शिकार करने के आरोप लगे। इन पर प्रसंज्ञान लेते हुए वन विभाग के माध्यम से स्थानीय पुलिस ने सलमान व अन्य के खिलाफ आदलातों में चार मुकदमे दायर किए। दो मुकदमों में निचली अदालतों से सजा होने के बाद हाईकोर्ट में दायर अपील में सलमान बरी हो गया, वहीं तीसरे अवैध हथियार रखने के मामले में निचली अदालत ने ही उसको बरी कर दिया। वैसे हाईकोर्ट के फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है तथा हथियार मामले में सेशन कोर्ट में अपील दायर हुई है। अभियोजक अधिकारी भवानी सिंह ने बहस शुरू करते हुए कोर्ट को घटनास्थल का पूरा वर्णन किया, इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में भी कोर्ट को विस्तृत वर्णन कर बताया। बहरहाल सलमान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने के आरोप वाली दो अर्जियों पर 16 सितम्बर को सुनवाई होगी।