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अंबर पर बदरा छाए तो किसान घबराए, 12 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलों को यूं हो सकता है नुकसान

locationजोधपुरPublished: Sep 15, 2017 06:57:31 pm

Submitted by:

Amit Dave

झोला (गर्म हवा) व बादलों ने बढ़ाई किसानों की चिंता
 

Jodhpur farmers are worried due to weather change

Jodhpur farmers are worried due to weather change

मौसम में अचानक हो रहे बदलाव से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होने का खतरा बढ़ गया है। मौसम की आंखमिचौनी व बेरुखी फसलों पर भारी पड़ रही है, इससे किसानों के खिले चेहरे अब मुरझाने लगे हैं। जोधपुर जिले में कुल सिंचित व असिंचित क्षेत्र मिला कर खरीफ में करीब 12 लाख हैक्टेयर में बुवाई की हुई है। असिंचित क्षेत्र की मुख्य फसल मूंग, मोठ, ज्वार, वही सिंचित क्षेत्र में भी कपास और मूंगफली की बुवाई हुई है।
झोला व बादलों ने बढ़ाई चिंता

गत दिनों से चल रहा झोला (गर्म हवा) से पहले ही फसलें समय से पूर्व पकने लग गई थीं और अब मौसम में अचानक आए बदलाव, बादल छाये रहने, नमी अधिक होने से खेतों में खड़ी खरीफ की फसलों की कीट और बीमारी लगने की आशंका है। इनमें भी विशेष रूप से मूंग की फसल को कीट व सफेद लट लगने की आशंका प्रबल हो गई है। इस वजह से चिंतित किसान पकने के लिए तैयार फसल पर भी कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिससे फसल की लागत बढऩे व उत्पादन घटने से किसानों को आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।
दाना काला और छोटा होगा


इन दिनों मौसम में जो फेरबदल हो रहा है, वह फसलों के उचित नहीं है। तेज गमी, गर्म हवा और असमय बादलों की आवाजाही ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। किसानों के अनुसार, इस प्रकार के मौसम से फसल का दाना काला पडऩे और दाने का आकार छोटा होने की आशंका बढ़ गई है। जिससे आशा के अनुरूप फसल नहीं होगी। परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान होगा। वही मंगलवार को हुई बारिश से सब्जियों की अचानक आवक बढऩे और क्वालिटी गिरने से भावों में कमी आने की आशंका बनी है, जिससे किसानों को सब्जियों की लागत निकालने में परेशानी आ सकती है। फसलों व पौधों को रोग लगेगा गर्म हवा, बादलों व नमी गर्मी की वजह से फसलों व पौधों में बीमारियां लग जाएंगी । साथ ही, फसलों में सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ेगा, जो सिंचित व असिंचित फसलों के लिए हानिकारक होंगी। इस संबंध में कृषि विभाग की ओर से पूर्व में एडवाइजरी जारी की जा चुकी है, कि किसान अपनी फसलों को टिन शेड के नीचे ढक कर रखें। इसके अलावा, फसलों की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों सहित अन्य उपाय समय-समय पर करते रहें।
जिले में 12.76 लाख हैक्टेयर में बुवाई

फसल—— बुवाई हैक्टेयर में
बाजरा—— 450000

ज्वार—— 48000
मूंग——- 250000

मोठ——- 82000
मूंगफली—- 115000

तिल——- 28500
अरण्डी—— 26000

कपास—— 48000
ग्वार——- 216000

अन्य—— 13000

योग—— 1276500
शुरू होने वाली है कटाई

मंगलवार को हुई बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान की खबर नहीं है। खेतों में खड़ी फसलों की अब कटाई शुरू होने को है। अब अगर बारिश होती है, नमी व बादलों की आवाजाही या गर्म हवाएं चलती हैं तो फसलों को नुकसान होगा। इसलिए किसानों को कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर पूर्व में ही उपाय करना चाहिए, जिससे ज्यादा नुकसान से बचा जा सके। -तुलछाराम सिंवर, प्रांत प्रमुख, भारतीय किसान संघ
किसान चिंतित

किसान चिंतित हंै।तेज गर्म हवाएं, बादलों की आवाजाही और अब बारिश फसलों को नुकसान पहुचाएगी। सरकार को किसानों को बीमा क्लेम, फसल नुकसान के मुआवजे आदि सहायता किसानों को समय पर उपलब्ध करवाने में गंभीरता बरतनी होगी।-रतनलाल डागा, प्रगतिशील किसान
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