सरकारी स्कूलों में पढ़े कर्मचारियों, नेताओं के बच्चे
चर्चा में शामिल शहर के व्यवसायी जुगल पंवार, धीरज, अनिल, प्रकाश आदि का कहना था कि शिक्षा में सुधार की बातें सभी सरकारें करती आई है,लेकिन सरकारों की ओर से धरातल पर कोई कार्य नहीं करवाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में संसाधनों को विकसित नहीं किए जाने से विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ रहा है। साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों, नेताओं के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढऩे चाहिए। जिससे सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधर सके। आज सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उच्च नहीं होने से ही निजी स्कूल पनप रहे हैं। मनमर्जी की फीस अभिभावकों से वसूल रहे हैं। ऐसे में इन पर अंकुश लगाना जरुरी है।
चर्चा में शामिल शहर के व्यवसायी जुगल पंवार, धीरज, अनिल, प्रकाश आदि का कहना था कि शिक्षा में सुधार की बातें सभी सरकारें करती आई है,लेकिन सरकारों की ओर से धरातल पर कोई कार्य नहीं करवाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में संसाधनों को विकसित नहीं किए जाने से विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ रहा है। साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों, नेताओं के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढऩे चाहिए। जिससे सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधर सके। आज सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उच्च नहीं होने से ही निजी स्कूल पनप रहे हैं। मनमर्जी की फीस अभिभावकों से वसूल रहे हैं। ऐसे में इन पर अंकुश लगाना जरुरी है।