परिचर्चा में सामने निकलकर आई ये बातें नगर निगम की तरफ से सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। समस्या उठाने के बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं देता। मंडोर उद्यान में लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए घूमने जाते हैं, लेकिन वहां भी गंदगी मिलती है। -जितेंद्रसिंह राठौड़, क्षेत्रवासी
बीएसएफ, आरपीटीसी और आरएसी आदि विभागों के सीवरेज का पानी बरसाती नाले में जोड़ दिया गया है। जिससे पूरे दिन बदबू रहती है और गंदगी फैली रहती है। नाला चौक होने के कारण बारिश के दिनों में यह पानी घरों में भरता है। पूर्व में भी ज्यादा पानी के कारण हादसे होने का डर रहता है। -ज्ञानेंद्रकुमार पांडे, ठाकुर वीरेंद्र नगर
लालबाग में पानी की विकट समस्या है। यहां लोगों को प्रतिदिन टैंकर खरीदकर पानी मंगवाना पड़ता है। कई लोग पीने के लिए कैंपर मंगवाते हैं। जेडीए अप्रूव्ड कॉलोनी होने के बावजूद यहां पीएचईडी की लाइन नहीं है। हालात यह है कि लोगों ने खुद यहां पानी के लिए लाइन बिछवा रखी है और ट्यूबवैल का पानी घरों तक ले जाकर उपयोग में ले रहे हैं। सड़क नहीं होने के कारण धूल-मिट्टी उडऩे से लोगों को अस्थमा की प्रॉब्लम बनी रहती है। -धीरजसिंह गहलोत, लालबाग निवासी
जोधपुर के अंदर मंडोर, मगरा, मदेरणा कॉलोनी, माता का थान चार ऐसे स्थान हैं जो पिछड़े हुए हैं। आबादी बढऩे के बाद भी यहां पानी की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। बालसमंद और आठ मील पर पूर्व में आबादी के हिसाब से जो टंकी बनाई गई थी, वह अभी छोटी पडऩे लगी है। लोगों की आवश्यकता एवं जर्जर हालात को देखते हुए फूलबाग टंकी फिर से सेंशन हुई, लेकिन इसका काम भी रुकवा दिया गया। इसके चलते क्षेत्र की आधी आबादी को पानी की दिक्कत हो रही है।-पृथ्वीसिंह कच्छवाहा, पीएचईडी से रिटायर्ड
विधायक हमारे लापता रहते हैं। पार्षद हमारी सुनते नहीं। सरकार कोई भी और किसी की रही हो। हमारी समस्या से आज भी 15 साल पहले जैसी है। जेडीए की ओर से पूर्व में सड़क और सीवरेज के लिए नागौरी बेरा में लगभग एक करोड़ 43 लाख रुपए स्वीकृत हुआ, लेकिन 43 हजार का भी विकास कार्य नहीं हुआ। -राजीव कच्छवाह, नागौरी बेरा निवासी
हमारी कॉलोनी में सड़कों का निर्माण कार्य आज तक नहीं हुआ है। पानी की लाइनों के अभाव के चलते किसी भी पार्टी का नेता विकास कार्य करने में हमारा मददगार नहीं होता और आज भी हमें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। गंदगी के चलते कॉलोनी में करीब 25 से ज्यादा लोग डेंगू, चिकनगुनिया के मरीज बन चुके हैं। फिर भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। -शशि बारहठ, निवासी ठा. वीरेंद्र नगर
मंडोर रेलवे स्टेशन पर आरक्षण सुविधा का समय पूरे दिन की जाए। क्योंकि यहां बड़ी तादाद में बीएसएफ, सेना, आरएसी, आरपीटीसी, ग्रामीण पुलिस लाइन सहित बाहर के छात्र-छात्राएं और क्षेत्रवासी रेलवे का आरक्षण कराने आते हैं, लेकिन दो घंटे का समय होने के कारण उन्हें शहर तक जाना पड़ता है। साथ ही यहां का ऐतिहासिक मंडोर उद्यान आज असामाजिक तत्वों के कारण अपने अस्तित्व को खो रहा है और पर्यटक इससे दूरी बना रहे हैं। पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से यहां पर्यटन थाना नजर नहीं आता। उद्यान में गंदगी का जमावड़ा है, जिससे अब आसपास के लोग भी यहां घूमना पसंद नहीं कर रहे हैं। -संजयकुमार कच्छवाहा
नागौर-जोधपुर नेशनल हाईवे 75 फीट की सड़क थी। इसके दोनों तरफ नालों का प्रावधान था, लेकिन नाला एक ही तरफ आधा-अधूरा बना। साथ ही मंडोर ओवरब्रिज के जीरो प्वॉइंट पर खतरनाक घुमाव होने से तेजी से आ रहे वाहनों के हादसे का खतरा रहता है और कई बार दुर्घटनाएं भी होती है। इसलिए वास्तविक डिजाइन के अनुसार जोधपुर-नागौर हाईवे एवं मंडोर ओवरब्रिज में सुधार करवाया जाए तो क्षेत्रवासियों को राहत मिले। -प्रेमशंकर आचार्य, निवासी मंडोर
इनका रहा सहयोग क्षेत्रवासियों के सहयोग से आयोजित इस परिचर्चा की जिम्मेदारी वार्ड के ही लोगों ने संभाली। वार्ड अध्यक्ष संजयकुमार कच्छवाह, समाजसेवी लक्ष्मणसिंह सोलंकी एवं निर्मल कच्छवाहा ने व्यवस्थाओं के आयोजन की जिम्मेदारी निभाई। धीरज गहलोत, महेश गहलोत, अशोक कच्छवाह एवं नितिन कच्छवाह ने कार्यस्थल पर व्यवस्थाएं संभाली। जयदीप कच्छवाह एवं सुमित गहलोत ने संचालन की जिम्मेदारी संभाली। नवयुवक संघ, नागौरी बेरा ने भी कार्यक्रम में पूरा सहयोग दिया। कार्यक्रम के अंत में उद्यान में फैली गंदगी को भी उठाकर क्षेत्रवासियों ने स्वच्छता बनाए रखने का संदेश दिया।