क्वालिटी जांच के लिए अधिकारी ही नहीं
पांच अक्टूबर को मूंग, मूंगफली, उड़द व सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद करने का आदेश सरकार ने निकाला था। जब किसान अपना माल लेकर नैफेड के दरवाजे पहुंचा, तो वहीं से ही मुसीबतें शुरू हो गईं। क्वालिटी परीक्षण के लिए नैफेड द्वारा अधिकांश जगहों पर जिम्मेदार पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं है। जहां नियुक्त है, उन्हें जांच का अनुभव नहीं है।
पांच अक्टूबर को मूंग, मूंगफली, उड़द व सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद करने का आदेश सरकार ने निकाला था। जब किसान अपना माल लेकर नैफेड के दरवाजे पहुंचा, तो वहीं से ही मुसीबतें शुरू हो गईं। क्वालिटी परीक्षण के लिए नैफेड द्वारा अधिकांश जगहों पर जिम्मेदार पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं है। जहां नियुक्त है, उन्हें जांच का अनुभव नहीं है।
दलालों के पास जा रहा माल
प्रदेश में संयुक्त खातेदारी की परम्परा के कारण अलग-अलग खेती होने के बावजूद एक ही हिस्सेदार फसल समर्थन मूल्य पर बेच पा रहा है, क्योंकि नैफेड 25 क्विंटल से ज्यादा माल खरीद नहीं रहा है। बाकी माल किसानों को दलालों के पास बेचना पड़ रहा है।
प्रदेश में संयुक्त खातेदारी की परम्परा के कारण अलग-अलग खेती होने के बावजूद एक ही हिस्सेदार फसल समर्थन मूल्य पर बेच पा रहा है, क्योंकि नैफेड 25 क्विंटल से ज्यादा माल खरीद नहीं रहा है। बाकी माल किसानों को दलालों के पास बेचना पड़ रहा है।
जनधन खाते भी नकारे जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर फसल बेची, उनका भुगतान नही हो रहा है। अधिकांश किसानों के जनधन के खाते भामाशाह से जुड़े हैं, उनमें भुगतान नही हो रहा है। किसानों से नए खाते मांगे जा रहे हैं।
विरोध बढ़ा तो यह दी राहत
अब तक समर्थन मूल्य खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन में ई-मित्र संचालको द्वारा हुई गलती से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। इसके लिए गत दिनों भारतीय किसान संघ की जयपुर सहकारिता विभाग के साथ बैठक हुई। इसमें पोर्टल में बदलाव कर खरीद केंद्रों को रजिस्ट्रेशन में संशोधन करने की छूट देकर किसानों को मामूली राहत दी।
अब तक समर्थन मूल्य खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन में ई-मित्र संचालको द्वारा हुई गलती से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। इसके लिए गत दिनों भारतीय किसान संघ की जयपुर सहकारिता विभाग के साथ बैठक हुई। इसमें पोर्टल में बदलाव कर खरीद केंद्रों को रजिस्ट्रेशन में संशोधन करने की छूट देकर किसानों को मामूली राहत दी।
उलझा रही है खरीद
पेचिदगियों के कारण किसान फंसता जा रहा है। किसी का पूरा माल नहीं बिक रहा है तो किसी को भुगतान नहीं मिल रहा है। – तुलछाराम सिंवर, आंदोलन सह-संयोजक, भारतीय किसान संघ, जोधपुर
पेचिदगियों के कारण किसान फंसता जा रहा है। किसी का पूरा माल नहीं बिक रहा है तो किसी को भुगतान नहीं मिल रहा है। – तुलछाराम सिंवर, आंदोलन सह-संयोजक, भारतीय किसान संघ, जोधपुर
किसान हटवा दे खाते की लिमिट 25 क्विंटल तक की खरीद केन्द्र सरकार के आदेशानुसार हो रही है। क्वालिटी परीक्षण के लिए पर्यवेक्षक सभी जगह है। जिन किसानों के जनधन खातों में भुगतान जमा नहीं हो रहा है, इसके लिए किसान व्यक्तिगत रूप से बैंक जाए और उस खाते की लिमिट हटवा दे। -ब्रजेश राजोरिया, जनरल मैनेजर, नैफेड, जयपुर