हिंदी कथा लेखिकाओं में अपनी अलग पहचान .दीप्ति कुलश्रेष्ठ राजस्थान की हिंदी कथा लेखिकाओं में अपनी अलग पहचान रखती हैं इनके उपन्यास एवं कहानियां समकालीन बोध को उजागर करते हुए अपने समय से सीधा संवाद करते हैं इनके मुख्य पात्र संवेदनशील और जीवन मूल्यों में अटूट आस्था रखने वाले हैं. विरोधी परिस्थितियों में भी त्रासदी को झेलते हुए जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्षरत दिखाई देते हैं.जीवन के उत्कृष्ट भाव की सर्वभाव रक्षा दीप्ति के भीतर के लेखक का दर्शन तथा उद्देश्य है।
उनका जन्म 28 फरवरी, 1949 को
कोटा में हुआ। दीप्ति कुलश्रेष्ठ की प्रारंभिक शिक्षा झालावाड़ में हुई। उसके बाद जोबनेर और
जयपुर में शिक्षा प्राप्त की 7 छठी से लेकर हायर सैकंडरी तक की शिक्षा राजमहल हायर सैकण्डरी स्कूल
जोधपुर में हुई। उन्होंने
उदयपुर के मीरा गल्र्स कॉलेज से बी एससी प्रथम वर्ष किया और महारानी सुदर्शना कॉलेज,
बीकानेर से बीएससी द्वितीय व तृतीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की।। कुलश्रेष्ठ ने महेश टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, जोधपुर से बी एड की उपाधि प्राप्त की।
सृजन -संसार काव्य-संग्रह परिमल (1992),संस्मरण : सुधि के दीप (1992) कहानी-संग्रह -(1) परिणति (1999) (2) किससे करें फरियाद (1999), (3) काश ! (2004) व (घ) उपन्यास : (1) मुट्ठी भर रोशनी (1998), (2) धुंध और धुआँ (1999)(3) सफर के बीच (2000), (4) बर्फ की झील (2001),(5) खिड़की से झांकता है चाँद (2003), (6) नोकरीनाम (2006), (7) भीतर कहीं कुछ है जो… (2011), (8) अंधे मोड़ से आगे (2014)
स्मृति-आख्यान :
(1) वो कौन शख्स था जो भर गया मुझ में….(2017) पुरस्कार : ‘खिड़की से झांकता है चाँद ‘ उपन्यास के लिये राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर से 2005-06 का रांगेय राघव पुरस्कार, ‘भीतर कहीं कुछ है जो..’ के लिए अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से वर्ष 2011-12 में ‘डॉ. सरला अग्रवाल अखिल भारतीय उपन्यास प्रतियोगिता ‘ पुरस्कार। सम्मान : उन्हें हिन्दी साहित्य सम्मलेन सम्मान प्रयाग , वीर दुर्गादास राठौड़ सम्मान, कुलश्रेष्ठ रत्न सम्मान, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय इफ्जा सम्मान, तमिलनाडु हिन्दी साहित्य अकादमी, चैन्नई से साहित्य सेवी सम्मान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय इफ्जा सम्मान, राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान जयपुर की ओर से वाग्मणि आदि सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उन्हें सन 2014 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘अंधे मोड़ से आगे ‘ के लिए 75 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
-एम आई ज़ाहिर