बचाव पक्ष ने बोड़ा की ओर से गवाहों की, की गई वीडियोग्राफी पर सवाल उठाए कि इसे देखने पर कई गड़बडि़यां नजर आती हैं। गवाहों से शपथ नहीं दिलाई गई। गवाह के हस्ताक्षर सभी पन्नों पर नहीं किए गए, कैसेट सील नहीं की गई थी और कैसेट मालखाने में नहीं रख कर निजी तौर पर रखी गई। ऐसे कई तथ्य हैं जो यह साबित करते हैं कि बोड़ा की ओर से की गई वीडियोग्राफी सम्पादित की गई थी, जिसका कोई कानूनी महत्व नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला की अदालत में हिरण शिकार मामले में बचाव पक्ष ने मंगलवार को अंतिम बहस आगे बढ़ाते हुए कहा था कि शिकार की पूरी कहानी ही फर्जी है। फिल्म अभिनेता सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस के दौरान जांच अधिकारी ललित बोड़ा की जांच पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि उसने ही सलमान को फंसाने के लिए झूठी कहानी बनाई थी। अधिवक्ता सारस्वत ने इस मामले के पहले अनुसंधान अधिकारी मांगीलाल सोनल और उसके बाद के अधिकारी ललित बोड़ा के परस्पर विरोधाभासी बयानों पर बहस की थी।