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सलमान खान हिरण शिकार केस : एफएसएल रिपोर्ट में हो गई थी जिप्सी और छर्रे अलग होने की पुष्टि

locationजोधपुरPublished: Jan 18, 2018 11:05:59 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

जोधपुर में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ दर्ज किए गए शिकार के मामले में हुई सुनवाई में कई तथ्य सामने आए।

Salman Khan Deer Hunting Case

Salman Khan Deer Hunting Case jodhpur

जोधपुर . अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला की अदालत में काले हिरण शिकार मामले में बुधवार को सलमान की ओर से अंतिम बहस करते हुए अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि अनुसंधान अधिकारी बोड़ा से हुई जिरह के दौरान जिप्सी, अभिनेता सलमान और सैफ अली के होटल के कमरे से जब्त किए गए बंदूक के छर्रे अदालत में मंगवाए गए थे। इस बीच बोड़ा से की गई जिरह में अधिकारी ने स्वीकार किया था कि दोनों का मिलान नहीं किया गया था। सारस्वत ने कहा कि दोनों जगह से प्राप्त छर्रे भिन्न थे, इस बात की पुष्टि एफएसएल रिपोर्ट से हो गई थी।
जिप्सी से बरामद छर्रे मैनेज किए गए थे

बचाव पक्ष ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि जिप्सी से बरामद छर्रे मैनेज किए गए थे। सारस्वत ने डॉ. नेपोलिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने की बताई गई तारीख को भी फर्जी बताया और कहा कि इस सम्बन्ध में कोई आधिकारिक पत्र पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि नेपोलिया की रिपोर्ट में कोई त्रुटि थी, ऐसा कहीं दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। अंतिम बहस शुक्रवार को फिर से होगी।
सम्पादित वीडियोग्राफी का कानून महत्व नहीं
बचाव पक्ष ने बोड़ा की ओर से गवाहों की, की गई वीडियोग्राफी पर सवाल उठाए कि इसे देखने पर कई गड़बडि़यां नजर आती हैं। गवाहों से शपथ नहीं दिलाई गई। गवाह के हस्ताक्षर सभी पन्नों पर नहीं किए गए, कैसेट सील नहीं की गई थी और कैसेट मालखाने में नहीं रख कर निजी तौर पर रखी गई। ऐसे कई तथ्य हैं जो यह साबित करते हैं कि बोड़ा की ओर से की गई वीडियोग्राफी सम्पादित की गई थी, जिसका कोई कानूनी महत्व नहीं है।
शिकार की कहानी फर्जी
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला की अदालत में हिरण शिकार मामले में बचाव पक्ष ने मंगलवार को अंतिम बहस आगे बढ़ाते हुए कहा था कि शिकार की पूरी कहानी ही फर्जी है। फिल्म अभिनेता सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस के दौरान जांच अधिकारी ललित बोड़ा की जांच पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि उसने ही सलमान को फंसाने के लिए झूठी कहानी बनाई थी। अधिवक्ता सारस्वत ने इस मामले के पहले अनुसंधान अधिकारी मांगीलाल सोनल और उसके बाद के अधिकारी ललित बोड़ा के परस्पर विरोधाभासी बयानों पर बहस की थी।
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