scriptनिजी स्कूल : मान्यता अस्थाई, मनमानी स्थाई | video: seven hundred schools operated in jodhpur without accreditation | Patrika News

निजी स्कूल : मान्यता अस्थाई, मनमानी स्थाई

locationजोधपुरPublished: Jan 07, 2018 03:22:11 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

अस्थाई मान्यता दो-तीन साल पहले समाप्त हो गइ्र्र
प्रारंभिक निदेशालय ने भी मांगी है जानकारी

seven hundred schools operated in jodhpur without accreditation

seven hundred schools operated in jodhpur without accreditation

जिले में शिक्षा विभाग खुद बिना मान्यता के 700 निजी स्कूल चला रहा है। इस जानकारी के बाद हर किसी का चौंकना लाजमी है, लेकिन यह सच्चाई है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग पूर्व में अस्थाई मान्यता देकर खुद ही भूल गया। हालांकि इसमें कई विद्यालय सैकड़ों बच्चों को बिना मान्यता के पढ़ा रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे स्कूलों की प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सूचना भी मांगी है। इन स्कूलों पर कार्रवाई होगी या मान्यता जारी होगी, इस संबंध में अभी तक किसी के पास स्पष्ट जानकारी नहीं है।

ये बातें आ रहीं सामने

दरअसल, 2015 में राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कुछ स्कूलों को अस्थाई मान्यता दी थी। गत 31 मार्च 2016 तक लैंड कन्वर्जन करवाने के लिए कहा। साथ ही कहा कि यदि यह विद्यालय लैंड कन्वर्जन नहीं कराता है तो विद्यालय स्वयं दोषी होंगे। इसमें स्कूल संचालकों ने न्यायालय की शरण ली। इस बीच ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों को लैंड कन्वर्जन व्यवस्था से मुक्त रखा गया था। कुछ स्कूल यहां भी बिना मान्यता के हो सकते हैं। इसके अलावा वर्ष 2011-12 में कुछ स्कूलों को तीन वर्ष की अस्थाई मान्यता दी गई। इसके बाद कुछ स्कूल क्रमोन्नत हो गए।
पांचवीं-आठवीं बोर्ड आवेदन में बात आई सामने
शिक्षा विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि हाल ही में कुछेक निजी स्कूलों ने पांचवीं-आठवीं के फार्म भरे थे। उस समय कुछ पीईईओ व अधिकारियों ने सवाल उठाया था कि इन निजी स्कूलों की मान्यता अवधि समाप्त हो गई। इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक के ध्यानार्थ में भी मामला आया था। उन्होंने इस मामले को सही ठहराया।

जिले में यहां बिना मान्यता के स्कूल

जोधपुर शहर में कई नामी अंग्रेजी माध्यम स्कूलें भी अस्थाई मान्यता की है। जिनकी मान्यता अवधि समाप्त हो चुकी है। शहर में स्कूलों की संख्या 50 से अधिक है। इसके अलावा फलौदी, शेरगढ़, बालेसर, ओसियां, तिंवरी, बिलाड़ा, भोपालगढ़, लूणी व बाप आदि क्षेत्रों के नाम बताए जा रहे हैं।

इनका कहना है

यह प्रकरण मेरे ध्यान में है। आगे निदेशालय के निर्देशानुसार आगे कार्य होगा।

– धर्मेंद्रकुमार जोशी
डीईओ प्रारंभिक प्रथम, जोधपुर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो