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शारदीय नवरात्रि 2017: दो सौ साल पहले जोधपुर में यहां पहाड़ की चट्टानों को चीर प्रगट हुई थीं मां

locationजोधपुरPublished: Sep 24, 2017 07:35:48 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

दो सौ साल पुराने मां के मंदिर के लिए लोगों में है गजब आस्था
 

shardiya navratri 2017: Chamunda maa temple of Jodhpur

shardiya navratri 2017: Chamunda maa temple of Jodhpur

मगरा पूंजला माता का थान पहाड़ी की तलहटी में बना प्रगट चामुंडा मंदिर स्थापत्य कला के साथ हजारों श्रद्धालुओं के आस्था स्थल भी हैं। माता के मंदिर के कारण पूरा क्षेत्र माता का थान नाम से प्रसिद्ध हैं। माता का थान मंदिर के इतिहास के बारे में एक दोहे के माध्यम से बताया गया है कि
विक्रम संवत 1860, पूंजले भाखर प्रगटियां माय…

दरसण कर राजा मान, मंदिर दियो चुणाय…

जिसका अर्थ है कि करीब 214 साल पूर्व वि.सं. 1860 में माता का थान पहाड़ी की चट्टानों को चीर कर प्रगट हुई मां चामुण्डा प्रतिमा के दर्शन के बाद महाराजा मानसिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया था। जोधपुर में करीब 40 साल तक शासक रहे महाराजा मानसिंह का कार्यकाल विक्रम संवत 1860 से 1900 तक रहा था। मंदिर परिसर की आस-पास सुरम्य धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो चुका हैं।
कुछ साल पूर्व मंदिर जीर्णोद्धार के बाद माता की नवीन मूर्ति को भी प्रतिष्ठित किया गया हैं। मंदिर विकास कार्यों से जुड़े माधव पर्यावरण प्रसार सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष गहलोत ने बताया कि मंदिर परिसर में राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान के तहत रोपित विभिन्न प्रजातियों के पौधे वट वृक्ष बन चुके हैं। करीब 10 बीघा क्षेत्रफल में फैले मंदिर में भगवान शिव की 12 फीट ऊंची प्रतिमा के साथ गणेश, भैरु व हनुमान मंदिर भी हैं। शारदीय एवं चैत्रीय नवरात्रा सहित शिवरात्रि व रामनवमी को धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
प्रतिवर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता व भजन संध्या में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते है। धार्मिक कार्यक्रम के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रम रक्तदान शिविर, पौधरोपण एवं सम्मान समारोह के कारण लोगों का जुड़ाव बढ़ा है। मंदिर में माधव उद्यान विकसित किया गया है। पूंजला गांववसियो व तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक राजेन्द्र गहलोत के सहयोग से 90 के दशक में मन्दिर का जीर्णाोद्धार करवाया। वर्ष 1999 में तत्कालीन जोधपुर के सासंद जसवंत सिंह विश्नोई ने सांसद निधि से 6 लाख की राशि देकर मन्दिर प्रांगण में उद्यान बनाने की नीव रखी। सन् 2006 में माधव पर्यावरण प्रसार सोसायटी की ओर से करीब 12 बीघा भूमि में फैले उद्यान का निर्माण कार्य समाज के सहयोग से पूरा किया गया।
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